Bihar Board Wallah Topper 2025: जब इरादे बुलंद हों और दिल में कुछ कर गुजरने की आग हो, तो कोई भी ताकत इंसान को उसकी मंजिल तक पहुंचने से रोक नहीं सकती. इतिहास गवाह है कि जिन्होंने अपने सपनों को सच्चाई में बदलने की ठानी, उन्होंने मुश्किलों को सीढ़ी बनाकर सफलता की ऊंचाइयों को छुआ. अगर छात्रों में भी कुछ कर गुजरने की चाहत हो, तो वे कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपनी मंजिल हासिल कर सकते हैं. न तो संसाधनों की कमी उन्हें रोक सकती है, न ही असफलताओं का डर. मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास के बल पर वे असंभव को संभव बना सकते हैं. बस जरूरत है तो अपने लक्ष्य के प्रति अटूट समर्पण और निरंतर प्रयास की. याद रखिए, सितारे भी तभी चमकते हैं जब अंधेरा घना होता है. आज हम आपको बिहार बोर्ड के दो ऐसे छात्र सन्नी कुशवाहा और राहुल की कहनी बताएंगे जिन्होंने इस साल की बोर्ड परीक्षा में Bihar Board Wallah कोचिंग की सहायता और अपनी मेहनत से बिहार बोर्ड 2025 की परीक्षा में अपना परचम लहराया है.
अपने गांव से ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले पहले छात्र हैं सन्नी
आरा के रहने वाले सन्नी ने बिहार बोर्ड 2025 की 10वीं की परीक्षा में 500 में से 477 अंक हासिल कर शानदार सफलता पाई है. प्रभात खबर की टीम से बातचीत के दौरान सन्नी ने बताया, “मैंने 10वीं की पूरी पढ़ाई Physics Wallah के ब्रांच Bihar Board Wallah से की. मैंने ‘जोश’ बैच में पढ़ाई की थी, जहां टीचर्स का काफी समर्थन मिला. मैं पहले एक एवरेज छात्र था, लेकिन 9वीं कक्षा से मैंने मेहनत करनी शुरू कर दी.” सन्नी ने आगे Bihar Board Wallah के बारे में बताते हुए कहा, “ऑनलाइन क्लास में पढ़ते हुए हम कमेंट के माध्यम से अपने सवाल पूछ लेते थे और लाइव क्लास के दौरान ही टीचर हमारे सवालों का तुरंत जवाब देते थे.” सन्नी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और चाचा को दिया. साथ ही उन्होंने छात्रों को संदेश दिया कि मोबाइल का इस्तेमाल सीमित करें और करें भी तो सिर्फ पढ़ाई और सही चीजों के लिए.
5 साल के उम्र में पिता को खोया, पैसों के अभाव में ऐसे
यह कहानी है रोहतास के एक छोटे से गांव के रहने वाले राहुल की, जिन्होंने बिहार बोर्ड 10वीं में 466 अंक हासिल कर न केवल अपने गांव, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है. जब राहुल सिर्फ 5 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था. उनकी मां आंगनवाड़ी सहायिका के रूप में कार्यरत हैं. संसाधनों की कमी के बावजूद राहुल ने वह कर दिखाया, जो कई लोग सभी सुविधाओं के बावजूद भी नहीं कर पाते. राहुल का सपना था कि वे पूरे जिले में टॉप करें. उनका गांव काफी पिछड़ा हुआ है, लेकिन उन्होंने Bihar Board Wallah से ऑनलाइन कोचिंग ली और उसकी मदद से शानदार अंक प्राप्त किए. राहुल ने गणित में 100 में से 100 अंक हासिल किए हैं, और इसका पूरा श्रेय उन्होंने Bihar Board Wallah के धर्मेंद्र सर को दिया है. आगे चलकर राहुल का सपना एक बड़े इंजीनियर बनने का है. राहुल की मां की मासिक आय मात्र 4000 रुपये है, लेकिन आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई में कभी कोई कमी नहीं आने दी.
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