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किसानों पर कौन लगाना चाहता है टैक्स, जेटली ने क्या दी सफाई

वाशिंगटन/नयीदिल्ली : केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग के सदस्यों ने अपने पहले तीन साल की कार्ययोजना में किसानों पर टैक्स लगाने की सलाह दी है. टैक्स देनेवालों का दायरा बढ़ाने के लिए यह सलाह दी गयी है. हालांकि, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार की कृषि आय पर […]

वाशिंगटन/नयीदिल्ली : केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग के सदस्यों ने अपने पहले तीन साल की कार्ययोजना में किसानों पर टैक्स लगाने की सलाह दी है. टैक्स देनेवालों का दायरा बढ़ाने के लिए यह सलाह दी गयी है. हालांकि, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार की कृषि आय पर किसी तरह का कर लगाने की कोई योजना नहीं है.

प्रख्यात अर्थशास्त्री तथा नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय ने मंगलवार को कहाथा कि कृषि आय पर कर लगा कर टैक्स के दायरे को बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने पर्सनल इनकम टैक्स पर मिलनेवाली छूट को भी खत्म करने की जरूरत पर बल दिया था. लेकिन, बुधवार को वित्त मंत्री ने इसे सिरे से खारिज कर दिया.

वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि संविधान के तहत दी गयी शक्तियों के तहत कृषि आय पर कर लगाना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. वित्त मंत्री ने 22 मार्च,2017 को भी संसद को आश्वस्त किया था कि कृषि आय पर कर न लगा है, न ही लगाया जायेगा.

दिल्ली-मुंबई के करोड़पति किसान !

विवेक देबरॉय ने मंगलवार को वाशिंगटन में संवाददाताओं से बातचीतमें कहाथा कि पर्सनल इनकम टैक्स का बेस बढ़ाने के लिए कृषि आय पर मिलनेवाली छूट को खत्म करने तथा कृषि आय पर एक हद तक कर लगाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि किसानों को कृषि आय के साथ-साथ गैर कृषि आय पर भी टैक्स से छूट प्राप्त है.

यह पूछे जाने पर कि कृषि आय पर लगनेवाले कर की अधिकतम सीमा क्या होनी चाहिए, देबरॉय ने कहा कि यह शहरी क्षेत्रों के बराबर होना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों पर कर लगाते समय उनकी तीन या पांच साल की आय का औसत निकालना चाहिए, क्योंकि कृषि आय में हर साल उतार-चढ़ाव होता रहता है.

कैसे बढ़ेगी किसानों की आय?

इसी संवाददाता सम्मेलन के दौरान नीति (नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिग इंडिया) आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने पंचवर्षीय योजना की जगह तीन साल की कार्ययोजना के मसौदे का विवरण साझा किया. उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षों के दौरान,टैक्स चोरी से निबटने,टैक्स का दायरा बढ़ाने तथा सुधारों के माध्यम से कर प्रणाली को सरल करने की जरूरत है.

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