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घर में कैश रखने की सीमा तय करेगी सरकार, उससे ज्‍यादा मिला तो होगा जब्‍त!

नयी दिल्‍ली : नोटबंदी के बाद जहां पूरे देश में कैश की किल्‍लत है वहीं कई लोगों के पास से करोड़ो रुपये जब्‍त किये गये हैं. इससे निपटने के लिए सरकार लोगों को घरों में कैश रखने की सीमा तय कर सकती है. इसके लिए वित्त मंत्रालय ने विभिन्‍न एजेंसियों से सुझाव मांगे हैं. घर […]

नयी दिल्‍ली : नोटबंदी के बाद जहां पूरे देश में कैश की किल्‍लत है वहीं कई लोगों के पास से करोड़ो रुपये जब्‍त किये गये हैं. इससे निपटने के लिए सरकार लोगों को घरों में कैश रखने की सीमा तय कर सकती है. इसके लिए वित्त मंत्रालय ने विभिन्‍न एजेंसियों से सुझाव मांगे हैं. घर में कैश रखने की सीमा 3, 8, 10 या फिर 15 लाख रुपये हो सकता है. इसपर सरकार विचार कर रही है. नकदी की सीमा तय करने के लिए आयकर कानून 1961 में जरूरी संशोधन किये जा सकते हैं.

वित्त मंत्रालय की ओर से मांगे गये प्रस्‍ताव में अलग-अलग एजेंसियों ने सुझाव दिये हैं. सरकार ने अभीतक कोई फैसला नहीं किया है. एजेंसियों ने अधिकतम सीमा 15 लाख का प्रस्‍ताव दिया है. कुछ ने 8 तो कुछ ने 10 लाख की सीमा तय करने की वकालत की है. आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद 16 दिसंबर तक 316 करोड़ रुपये जब्त किये जा चुके हैं. इसमें 80 करोड़ रुपये से अधिक की राशि नयी करेंसी में है. तीन साल में आयकर विभाग की छापेमारी में 1500 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त हुई है. जो घरों से मिली है.

सरकार के कैशलेस ट्रांजेक्‍शन को बढ़ावा देने की मुहिम में कैश रखने की सीमा तय करना बेहद जरुरी माना जा रहा है. काले धन पर गठित एसआइटी के अध्यक्ष जस्टिस एमबी शाह और उपाध्यक्ष अरिजित पसायत ने भी इस सिलसिले में सरकार को सुझाव दिया है. इन दोनों ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर कहा है कि अगर नकदी रखने की सीमा तय नहीं की गयी तो नोटबंदी का कोई असर नहीं होगा.

पत्र में नकदी रखने की अधिकतम सीमा स्पष्ट नहीं की गयी है, लेकिन माना जा रहा है कि यह सीमा 15 लाख रुपये तय की जा सकती है. सरकार का भी मानना है कि कैश घरों से ज्‍यादा बैंकों में रहे इससे बैंकिंग सिस्‍टम भी तंदरुस्‍त रहेगा और कैशलेस समाज के निर्माण में मदद मिलेगी.

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