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कारोबार सुगमता में भारत को और ऊंची जगह मिलेगी : अरुण जेटली

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज विश्वास व्यक्त किया कारोबार में सुगमता के पैमाने पर विश्व विरादरी में भारत की स्थिति में अगले साल और सुधार होगा. उन्होंने कहा कि भारत में शुरू किये गये सुधारों की पूरी झलक विश्वबैंक की ताजा रपट में परिलक्षित नहीं हुई है. गौरतलब है कि कारोबार […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरण जेटली ने आज विश्वास व्यक्त किया कारोबार में सुगमता के पैमाने पर विश्व विरादरी में भारत की स्थिति में अगले साल और सुधार होगा. उन्होंने कहा कि भारत में शुरू किये गये सुधारों की पूरी झलक विश्वबैंक की ताजा रपट में परिलक्षित नहीं हुई है. गौरतलब है कि कारोबार में सुगमता को लेकर विश्वबैंक की ताजा रैंकिंग में भारत पिछले साल से 12 पावदान उपर चढ कर 130वें स्थान पर आ गया है. उन्होंने कहा ‘मैं इस बात का आभारी हूं कि विश्वबैंक ने यह माना कि भारत अब कारोबार करने के लिए सुगम बनता जा रहा है. मेरा मानना है कि 12 पायदान का सुधार हमारी ओर से किये जा रही सुधार प्रक्रिया की पूरी गति को परिलक्षित नहीं करता है.’

उन्होंने कहा ‘हमने जो पहलें की हैं उनमें से कई का असर अगले साल की रैंकिंग में दिखेगा. ये रैकिंग सिर्फ पहली जून तक की हैं और इनमें से कुछ पहलों को, जिनका असर अभी जमीन पर नहीं दिख रहा है, इसमें शामिल नहीं किया गया है. लेकिन मुझे भरोसा है कि आने वाले वार्षों में हमारी रैंकिंग निश्चित तौर पर सुधरेगी.’ विश्व बैंक की कल जारी रपट में कारोबार सुगमता के लिहाज से 189 देशों में भारत को 130 पर रखा गया है जबकि साल यह 142वें स्थान पर था. विश्व बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कौशिक बसु ने कहा ‘भारत जैसे आकार वाली अर्थव्यवस्था का 12 पायदान उपर आना उल्लेखनीय उपलब्धि है.’

जेटली ने रैंकिंग के संबंध में कहा कि उनका मानना है कि भारत को अभी लंबा सफर तैय करना है और कारोबार के लिए वातावरण और सुगम बनाने का काम लगातार जारी है. उन्होंने ईटी नाउ बिजनेस न्यूज चैनल ने कहा ‘हमारी रैंकिंग निश्चित तौर पर उल्लेखनीय रूप से सुधरी है.’ जेटली ने कहा कि हाल के दिनों में सरकार ने रैकिंग सुधारने के लिए कई पहलें की हैं. उन्होंने कहा ‘मैं आयकर अधिनियम और आसान बनाने की कोशिश कर रहा हूं. कल मैंने एक समिति की घोषणा की है जो इसके कुछ प्रावधानों को नया स्वरुप देगी.’ इसी तरह एक और समिति है जो कंपनी अधिनियम की जटिलताएं दूर करने पर विचार कर रही है. जेटली ने कहा ‘व्यावसायिक अनुबंधों के अनुपालन और विवादों के निपटान का एक क्षेत्र बचा है. इसलिए हमने पंच-निर्णय प्रक्रिया तेज करने के लिए एक अध्यादेश लाया है.’

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