नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज चेतावनी देते हुए कहा कि जिन लोगों ने विदेशों में जमा काले धन के बारे में अनुपालन समयसीमा के भीतर घोषणा नहीं की है, उन्हें इसका परिणाम भुगतना होगा क्योंकि सरकार को सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के जरिये उनकी संपत्ति के बारे में सूचना मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि जिन्होंने योजना का लाभ उठाया है, अब वे आराम से सो सकते हैं.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में जिस 6,500 करोड रुपये के काले धन का जिक्र किया, वह लीकटेंस्टाइन के एलजीटी बैंक तथा जिनीवा स्थित एसएसबीसी के खाताधारकों से जुडा अवैध धन है. वहीं अनुपालन समयसीमा के तहत कुल 3,770 करोड रुपये के कालेधन के बारे में जानकारी सामने आयी. जेटली ने कहा कि सरकार की नीति कर ढांचों को युक्तिसंगत बनाना, कम कमाई करने वाले लोगों के हाथों में और धन पहुंचाना, समाज के हर तबकों द्वारा ‘प्लास्टिक मनी’ के उपयोग को बढावा एवं प्रोत्साहन देना और और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना है जो निरंतर अघोषित आय का उपयोग कर रहे हैं.
अपने फेसबुक पोस्ट में वित्त मंत्री ने घरेलू कालेधन की समस्या से निपटने के लिये सरकार की प्रतिबद्धता दोहरायी. उन्होंने कहा कि एक निश्चित सीमा से उपर नकद सौदों के लिये पैन को अनिवार्य बनाकर सरकार इस बुराई से निपटेगी. उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित सीमा से अधिक नकद लेन-देन में पैन कार्ड की अनिवार्यता को देखते हुए सरकार लाभ की स्थिति में है.’
तीस सितंबर को समाप्त अनुपालन समयसीमा के भीतर विदेशों में पडी अघोषित संपत्ति के बारे में की गयी घोषणा का जिक्र करते हुए अरुण जेटली ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने इस अवधि के दौरान संपत्ति की घोषणा की, उनके खिलाफ कालाधन कानून के तहत कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. ये लोग अब चैन की नींद सो सकते हैं.’ कालाधन कानून के तहत 90 दिन की मिली अनुपालन अवधि का लाभ उठाते हुए 638 लोगों ने 3,770 करोड रुपये की अघोषित आय की घोषणा की.
जिन लोगों के पास विदेशों में अघोषित संपत्ति है और वे इसकी घोषणा करने में विफल रहे, उनके बारे में जेटली ने कहा, ‘‘उन्हें इस कानून के दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई का सामना करना पडेगा. उन्हें 30 प्रतिशत कर और 90 प्रतिशत जुर्माना देना होगा. साथ ही उनके खिलाफ अभियोजन चलाया जाएगा और जहां उन्हें 10 साल तक की जेल हो सकती है. यह भविष्य में भारत से धन के प्रवाह को लेकर एक प्रतिरोधक के रुप में काम करेगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘अत: जिन लोगों के पास विदेशों में अवैध संपत्ति है और जो घोषणा करने में विफल रहे हैं, उन्हें अपने बारे में भारतीय कर प्राधिकरण के पास सूचना आने का जोखिम है.’
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