नयी दिल्ली : पूंजी बाजार नियामक सेबी ने वेलोक्स इंडस्टरीज तथा उसके पूर्व प्रवर्तकों पर 49 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. कंपनी पर यह जुर्माना निर्धारित समयसीमा में शेयरधारिता के बारे में खुलासा नहीं करने को लेकर लगाया गया है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अलग-अलग आदेश में वेलोक्स इंडस्टरीज (पूर्व में खटाउ एक्जिम) पर 4.5 लाख रुपये तथा 7.5-7.5 लाख रुपये का जुर्माना जयलक्ष्मी होल्डिंग्स, बृनान इनवेस्टमेंट तथा एके होल्डिंग पर लगाये गये.
इन तीनों कंपनियों का विलय ग्रेट व्यू प्रोपर्टीज में किया गया. इसके अलावा नियामक ने एच ए खटाउ पर 6.5 लाख रुपये, रोहन खटाउ पर 5.25 लाख रुपये तथा पीएच खटाउ तथा एमएच खटाउ पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सेबी के अनुसार इन इकाइयों ने लगातार छह वित्त वर्ष (1997-98 से 2002-03 तक) अधिग्रहण नियमन से जुडे प्रावधानों का उल्लंघन किया.
उसके बाद फिर 2004-05 तथा 2005-06 और फिर 2008-09 तथा 2009-10 में व्यवस्था का अनुपालन नहीं किया. इन इकाइयों को निर्धारित समयसीमा में सालाना आधार पर शेयरधारिता के बारे में खुलासा करना था.
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