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बोले जेटली, हमारे सुधारात्मक प्रयासों से भारत तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है
वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक की सालाना ग्रीष्मकालीन बैठक शामिल होने पहुंचे वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने संबोधन कहा कि सत्ता में आने के बाद नयी सरकार को राजकोषीय घाटे से निपटने में एक साल से कम समय लगा है. उन्होंने बताया कि सरकार देश की सबसे अहम आर्थिक समस्याओं एवं कम […]
वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक की सालाना ग्रीष्मकालीन बैठक शामिल होने पहुंचे वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने संबोधन कहा कि सत्ता में आने के बाद नयी सरकार को राजकोषीय घाटे से निपटने में एक साल से कम समय लगा है. उन्होंने बताया कि सरकार देश की सबसे अहम आर्थिक समस्याओं एवं कम लागत में कारोबार शुरू करने जैसे मुद्दों से निबटने को तैयार है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा ‘हमारे सुधारात्मक प्रयासों और वृद्धि दर बढने की संभावनाओं के कारण भारत तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है.’ उन्होंने कहा ‘मुझे लगता है कि यह कहना ठीक होगा कि अब बुनियादी रूप से हम सरकार पर और भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर को दोहरे अंकों में पहुंचाने की उसकी क्षमता पर लोगों का भरोसा कायम करने में सक्षम हुए हैं.’
जेटली ने कहा ‘वर्ष 2013 तक, भारत एक वृहद आर्थिक संकट के कगार पर खडा था, मुद्रास्फीति दोहरे अंक में पहुंच गयी थी, चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद के चार प्रतिशत पर था, विकास दर में तेज गिरावट थी और भारत भ्रष्टाचार, घोटालों और कमजोर शासन की दुर्गंध से जूझ रहा था.’
जेटली ने कहा ‘सत्ता में आने के एक साल से भी कम समय और नयी सरकार के प्रयासों से मुद्रास्फीति पांच से भी कम हो गयी है, चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद के एक प्रतिशत से भी कम है, जबकि वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत से अधिक के रास्ते पर है. विदेशी मुद्रा भंडार 50 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.’
जेटली ने कहा, सभी पेट्रोलियम संबंधी उर्जा उत्पादों को नियंत्रणमुक्त कर दिया गया है. दुनिया की सबसे बड़ी समस्या वित्तीय समावेशी कार्यक्रम को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा रहा है, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के लिए समझौते किए गये हैं और कोयला एवं खनन क्षेत्र के सुधारात्मक विधेयकों को पारित किया गया है और बीमा क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का दरवाजा खोल दिया गया है.
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