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जीडीपी में 7.5 फीसदी से ज्‍यादा वृद्धि की उम्‍मीद : अरुण जेटली

भारतीय अर्थव्यवस्था को सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहेगी और अगले साल उम्मीद है कि यह और अधिक होगी. यूनियन बैंक आफ इंडिया की एक अनुषंगी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया-यूके का […]

भारतीय अर्थव्यवस्था को सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहेगी और अगले साल उम्मीद है कि यह और अधिक होगी. यूनियन बैंक आफ इंडिया की एक अनुषंगी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया-यूके का उद्घाटन करते हुए जेटली ने कल रात यहां कहा कि नयी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ी हैं.

उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षों के दौरान हम राडार से बाहर हो गए थे, हमारी वृद्धि दर धीमी हो गई, हमारी प्राथमिकताएं धूमिल पड़ गई थीं और दुनिया हम पर नीतिगत लाचारी का आरोप लगा रही थी. अंतत: भारत के लोगों ने बदलाव लाने का फैसला किया. पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर हमला बोलते हुये जेटली ने कहा कि नयी सरकार आने के बाद किस प्रकार से स्पेक्ट्रम और कोयला आवंटन घोटाला जैसी बातें पीछे छूट गई.

उन्होंने कहा, ‘यदि (पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन) सिंह की चलती तो संकट खडा नहीं होता लेकिन यहां लाचारगी का भाव था.’ जेटली ने फिक्की और ब्रिटेन भारतीय व्यावसायिक परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा, ‘कोयला आवंटन के मामले में उन्होंने एक महीने के भीतर ही नीलामी प्रक्रिया की घोषणा कर दी, पर उसके बाद 10 सालों तक वह इसे आगे नहीं बढा सके. हम इस तरह की प्रणाली को कैसे आगे बढा सकते हैं.’

जेटली ने एक अन्य कार्यक्रम में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ब्रिटेन इकाई का उद्घाटन करते हुये कहा कि भारत तेजी से बढती हुई अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है. उन्‍होंने कहा कि आखिरकार भारत के लोगों ने बदलाव लाने का फैसला किया.’ संप्रग सरकार का नाम लिये बिना उन्होंने कहा, ‘ब्रिक देशों में से आई (इंडिया) पीछे छूटने लगा था. लेकिन आज स्थिति यह है कि इनमें से ज्यादातर के समक्ष चुनौती है जबकि भारत तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाले देशों में आगे है.

इस साल हम 7.5 प्रतिशत और अगले साल इससे अधिक वृद्धि हासिल होने की उम्मीद है.’ हालांकि, उन्होंने गरीबी उन्मूलन को एक बडी चुनौती बताया और कहा कि सरकार इस बडी चुनौती से निपटने के लिये कडी मेहनत कर रही है.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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