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रेलवे को स्पेक्ट्रम आवंटन के खिलाफ रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडा-आइडिया ने की आवाज बुलंद

नयी दिल्ली : रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसे मोबाइल ऑपरेटर रेलवे को विशिष्ट सेवाओं के लिए प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम आवंटन के विरोध में आपस में हाथ मिला लिया है. इन ऑपरेटरों ने इस स्पेक्ट्रम के वाणिज्यिक मूल्य और 4जी तथा 5जी सेवाओं के लिए क्षमताओं का हवाला दिया है. हालांकि, मोबाइल दूरसंचार […]

नयी दिल्ली : रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जैसे मोबाइल ऑपरेटर रेलवे को विशिष्ट सेवाओं के लिए प्रीमियम 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम आवंटन के विरोध में आपस में हाथ मिला लिया है. इन ऑपरेटरों ने इस स्पेक्ट्रम के वाणिज्यिक मूल्य और 4जी तथा 5जी सेवाओं के लिए क्षमताओं का हवाला दिया है. हालांकि, मोबाइल दूरसंचार उद्योग विभिन्न मुद्दों पर एक राय नहीं बना पाता, लेकिन इस मामले में सभी दूरसंचार ऑपरेटर एक सुर में बोल रहे हैं.

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ऑपरेटरों का कहना है कि रेलवे को खुद के इस्तेमाल के लिए आवंटित स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल यात्रियों के लिए वाणिज्यिक सेवाओं (वाईफाई और इंटरनेट) को लेकर नहीं किया जाना चाहिए. इस तरह की सेवाएं वे इकाइयां दे सकती हैं, जिसके पास इसके लिए वैध लाइसेंस है. रिलायंस जियो का कहना है कि रेलवे को यूनिफाइड लाइसेंस के तहत अधिकृत किये जाने तक वाईफाई और वॉयस तथा वीडियो संचार जैसी वाणिज्यिक सेवाओं की पेशकश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

जियो ने कहा कि रेलवे को वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए अन्य कंपनियों की तरह नीलामी के जरिये स्पेक्ट्रम हासिल करना चाहिए. जियो ने इस मामले में नियामकीय विचार-विमर्श में अपने प्रतिक्रिया में कहा कि हम 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड में 15 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम एलटीई आधारित संचार कॉरिडोर के लिए आरक्षित करने के पक्ष में नहीं हैं. 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम भारतीय रेलवे को ट्रेन और ट्रैकसाइड (आरएसटीटी) के बीच रेडियो संचार प्रणाली के लिए आवंटित नहीं किया जाना चाहिए.

वोडाफोन-आइडिया की दलील है कि यदि 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम भारतीय रेलवे के लिए आरक्षित किया जाता है, तो 4जी और 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम अपर्याप्त रहेगा, जिससे दूरसंचार ऑपरेटरों की वृद्धि की योजना प्रभावित होगी. वोडाफोन-आइडिया ने कहा कि 700 मेगाहर्ट्ज बैंड का स्पेक्ट्रम सिर्फ अंतरराष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार (आईएमटी) सेवाओं के लिए किया जाना चाहिए.

भारती एयरटेल का भी कहना है कि 700 मेगाहर्ट्ज बैंड का स्पेक्ट्रम भारतीय रेलवे को आवंटित नहीं किया जाना चाहिए. यह स्पेक्ट्रम लाइसेंस वाले ऑपरेटरों को सिर्फ नीलामी के जरिये दिया जाना चाहिए. एयरटेल ने कहा कि भारतीय रेलवे को एलटीई आधारित आरएसटीटी के लिए 450-470 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम आवंटित किया जा सकता है.

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