माकपा नेता ने मोदी सरकार पर किया हमला केंद्र सरकार का बजट मोदी-मनमोहन का ज्वाइंट वेंचरअशोक सिंघल का बयान गैर कानूनी, केस दर्ज करे सरकारब्यूरो प्रमुखरांची : माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य और झारखंड प्रभारी वृंदा करात ने कहा है कि भाजपा ऊपर से विकास का नारा देती है, काम विनाश का करती है. सबका साथ, सबका विकास की बात करने वाली भाजपा की नीतियां देश के हित में नहीं है. बजट मोदी सरकार का इम्तिहान था. सरकार की दशा-दिशा तय होती. चुनावी वादे बजट से तय हो सकती थी, लेकिन केंद्र सरकार का पहला बजट डॉ मनमोहन सिंह और मोदी का ज्वाइंट वेंचर जैसा था. कांग्रेस के नेतृत्व वाली कॉरपोरेट परस्त डॉ मनमोहन सिंह की सरकार और इस सरकार में कोई अंतर नहीं है. श्रीमती करात गुरुवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहीं थीं. उन्होंने कहा यूपीए ने सामाजिक क्षेत्रों के लिए बजट में जिस तरह की कटौती कर रही थी, उसी दिशा में यह सरकार बढ़ी. बजट में कॉरपोरेट, पूंजीपतियों और एफडीआइ को राहत देने के लिए रास्ते खोले गये. पिछली सरकार ने मनरेगा के बजट में जिस तरह की कटौती कर रही थी, इस सरकार ने भी वही किया. दलित और ट्राइबल के उत्थान के लिए योजनाओं में पैसे नहीं दिये गये. आंगनबाड़ी योजना के लिए सरकार ने बढ़ोतरी नहीं की. सरदार पटेल की मूर्ति के लिए 200 करोड़ और पेयजल की योजना में एक करोड़ की बढ़ोतरी की. श्रीमती करात ने कहा कि जनता ने जिस उम्मीद और आधार पर वोट किया, सरकार उसके विपरीत काम कर रही है. सरकार को भरोसा है कि एफडीआइ और निजी क्षेत्रों के रास्ते रोजगार दिलायेंगे. माकपा नेता ने विहिप के नेता अशोक सिंघल के बयान पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि ऐसी बातें करना गैर कानूनी है. कानून के खिलाफ बोल रहे हैं. अल्पसंख्यक समाज को धमकी दे रहे हैं. सबका साथ, सबका विकास करने वाली सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराये. संवाददाता सम्मेलन में पार्टी के राज्य सचिव जीके बक्सी, राजेंद्र सिंह मुंडा और प्रकाश विप्लव भी मौजूद थे. काला धन लगाते हैं भाजपा,कांग्रेस, झामुमो, आजसूमाकपा पोलित ब्यूरो सदस्य श्रीमती करात ने कहा कि झारखंड के चुनाव में माफियाओं का काला धन लगता है. झारखंड को लूटखंड बना कर पार्टियां चुनाव में पैसा लगाती हैं. कांग्रेस, भाजपा, झामुमो और आजसू जैसी पार्टियों चुनाव के समय करोड़ों खर्च करती हैं. इन पार्टियों में माफिया का पैसा लगता है. लोकसभा चुनाव में पैसे का इस्तेमाल हुआ. मुझे नहीं मालूम की चुनाव आयोग क्या कर रहा है. झारखंड में ईमानदार लोग कैसे चुनाव लड़ेंगे. हमें एक चुनाव क्षेत्र में आठ लाख रुपये खर्च करना मुश्किल होता है. यहां एक ब्लॉक में करोड़ों खर्च किये जाते हैं. श्रीमती करात ने कहा कि झारखंड में राशन प्रणाली चौपट है, गरीबों को लाभ नहीं मिल रहा है. राज्य में सभी जगह भ्रष्टाचार है. किसानों के सामने सूखा का खतरा है. लेकिन सरकार को इसकी चिंता नहीं है.
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