डॉक्टरों का कहना है कि जब भी आप रात में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करें, तो उसकी स्क्रीन को डार्क रखें. यानी मोबाइल स्क्रीन के ब्राइटनेस को बिल्कुल खत्म कर दें. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपे एक लेख के अनुसार डॉक्टरों के पास इस तरह के दो केस अब तक सामने आ चुके हैं. दोनों महिलाएं थीं. इन दोनों ने ‘क्षणिक अंधेपन’ की बात बतायी. डॉक्टर का कहना था कि ‘क्षणिक अंधापन’ आंखों को नुकसान पहुंचाता है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर स्मार्टफोन का इस्तेमाल सावधानी से किया जाये, तो इस समस्या से बचा जा सकता है.
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अंधेरे में यूज न करें मोबाइल
अगर आपको रात को सोते समय अंधेरे में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने की आदत है, तो आपको इससे बचने की जरूरत है, क्योंकि यह आपकी आंखों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रहा है. हाल ही में हुई एक रिसर्च के अनुसार जो लोग रात में बेड में लेटकर 30 मिनट तक मोबाइल पर नजरें गड़ाये […]
अगर आपको रात को सोते समय अंधेरे में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने की आदत है, तो आपको इससे बचने की जरूरत है, क्योंकि यह आपकी आंखों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रहा है. हाल ही में हुई एक रिसर्च के अनुसार जो लोग रात में बेड में लेटकर 30 मिनट तक मोबाइल पर नजरें गड़ाये रखते हैं, उनको अंधेपन का सामना कर पड़ सकता है.
ब्रेन ट्यूमर का खतरा : अंधरे में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से बॉडी में मेलाटोनिन हॉर्मोन का लेवल कम होने लगता है. मेलाटोनिन हॉर्मोन का लेवल कम होने के साथ-साथ ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है. अगर आप अंधेरे में रोज 30 मिनट तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं, तो आंखें ड्राइ होने लगती हैं, साथ ही इससे हमारी आंखों के रेटिना पर भी बुरा असर पड़ता है. इस बारे में रांची के आंख रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव रंजन का कहना है कि मोबाइल या कंप्यूटर के सामने रहनेवाले लोगों को लुब्रीकेंट आइ ड्रॉप रोजाना डालना चाहिए.
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