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कोरोना के खिलाफ वैश्विक एकजुटता का प्रतीक, लिथुआनिया ने जारी किया ‘कॉइन ऑफ होप’

कोरोना संकट (Corona crisis) के इस दौर में पूरा विश्व एकजुट होकर कोरोना वायरस (world against coronavirus) के खिलाफ जंग लड़ रहा है. इस वैश्विक एकजुटता को दर्शाने के लिए पूरी दुनिया में सेंट के लिए मशहूर देश लिथुआनिया (Lithuania) ने 1.5 यूरो का सिक्का जारी किया है. इस सिक्का का नाम 'कॉइन ऑफ होप' (Coin of hope) (उम्मीद का सिक्का) दिया गया है. लिथुआनिया सेंट्रल बैंक ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में विश्व की एकजुटता को समर्पित इस सिक्के को जारी किया है. कॉइन ऑफ होप को सिल्वर, कॉपर और निकेल को मिलाकर बनाया गया है. 1.5 यूरो के इस सिक्के की कीमत पांच यूरो है. लिथुआनिया सेंट्रल बैंक (Central bank) प्रबंधन बोर्ड के अस्टा कुनियोशी ने कहा कि यह सिक्का कोरोना के खिलाफ विश्व की जंग और एकजुटता का प्रतीक है. यह इस बात का प्रतीक है कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुट है और विश्व एकजुट होकर किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकता है.

कोरोना संकट के इस दौर में पूरा विश्व एकजुट होकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है. इस वैश्विक एकजुटता को दर्शाने के लिए पूरी दुनिया में सेंट के लिए मशहूर देश लिथुआनिया ने 1.5 यूरो का सिक्का जारी किया है. इस सिक्का का नाम कॉइन ऑफ होप (उम्मीद का सिक्का) दिया गया है. लिथुआनिया सेंट्रल बैंक ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में विश्व की एकजुटता को समर्पित इस सिक्के को जारी किया है. कॉइन ऑफ होप को सिल्वर, कॉपर और निकेल को मिलाकर बनाया गया है. 1.5 यूरो के इस सिक्के की कीमत पांच यूरो है. लिथुआनिया सेंट्रल बैंक प्रबंधन बोर्ड के अस्टा कुनियोशी ने कहा कि यह सिक्का कोरोना के खिलाफ विश्व की जंग और एकजुटता का प्रतीक है. यह इस बात का प्रतीक है कि पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुट है और विश्व एकजुट होकर किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकता है.

कॉइन ऑफ होप उन डॉक्टर्स और हर एक व्यक्ति के लिए श्रद्धाजंलि देने का अवसर है जिसने कोरोना महामारी से मुकाबला करने में अपना योगदान दिया है. इस लड़ाई में दुनियया भर के स्वास्थ्यकर्मी से लेकर पुलिस, सफाई कर्मी जैसे सभी ने योगदान दिया. आम आदमी ने कोरोना वायरस से बचाव के तरीकों को अपना कर इस बीमारी से लड़ने में अपना योगदान दिया. सिक्का उन लोगों को समर्पित है जिन्होंने घर पर रहकर काम किया, घर पर रहकर पढ़ाई की. सिक्के के पीछे की एक उम्मीद की किरण को दर्शाया गया है जो 2020 को रौशन करता है. सिक्के में अंकित तारीख में छाया है जो अंतरराष्ट्रीय संकट को दिखाता है. पांच-यूरो के सिक्के पर, यह सीमा लाल रंग में अंकित है. पांच-यूरो के सिक्के के किनारे को लैटिन और लिथुआनियाई में एक साथ एक वाक्य लिखा हुआ है. पोस्ट टेंब्रस स्पाइरो लूसम – अंधेरे के बाद, मैं रोशनी की उम्मीद करता हूं.

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कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया है. दुनिया भर में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर एक करोड़ के पार पहुंच गई है. इस वायरस से दुनियाभर में अब तक 5.18लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस महामारी से अब तक 60 लाख लोग ठीक हो चुके हैं. जहां अमेरिका में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 52,000 नए केस आये हैं. वहीं भारत में एक दिन में कोविड-19 के 19,148 नए मामले आने के बाद संक्रमितों की संख्या छह लाख के पार चली गई है और मृतकों की संख्या 17,834 पर पहुंच गई है.

Posted By: Pawan Singh

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