India Strongly Criticized Pakistan In UNHRC: मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 60वें सत्र में भारत ने पाकिस्तान को खुलेआम निशाना बनाया. भारतीय राजदूत क्षितिज त्यागी ने कहा कि पाकिस्तान अपने ही नागरिकों पर बम गिरा रहा है और अंतरराष्ट्रीय मंच का इस्तेमाल बेबुनियाद और उत्तेजक आरोप लगाने के लिए कर रहा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को हमारे क्षेत्र पर नजरें गड़ाने की बजाय अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों को खाली करने, अर्थव्यवस्था को सुधारने, लोकतंत्र को मजबूत करने और मानवाधिकारों की रक्षा करने पर ध्यान देना चाहिए.
‘अपने ही लोगों पर बम गिराते हो, आतंकवाद का निर्यात भी करते हो’
क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, “पाकिस्तान आतंकवाद का निर्यात करता है, यूएन प्रतिबंधित आतंकियों को पनाह देता है और अपने ही लोगों पर बम गिराता है.” उन्होंने इस मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ बेबुनियाद और उत्तेजक बयानबाजी के लिए करने की निंदा की.
#BREAKING: Indian Diplomat Kshitij Tyagi at UN Human Rights Council exposes Pakistan for bombing their own people in KPK yesterday apart from persecution, human rights violations and illegally occupying Indian territory.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) September 23, 2025
“A delegation that epitomises the antithesis of this… pic.twitter.com/E1CgY1PBsV
मामला खैबर पख्तूनख्वा का है. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान एयर फोर्स ने चीन के J-17 फाइटर जेट्स से 8 चीनी-निर्मित LS-6 लेजर-गाइडेड बम गिराए. यह हमला रात लगभग 2 बजे हुआ, जब लोग सो रहे थे. स्थानीय समुदायों में इस हमले को लेकर भारी गुस्सा है, खासकर क्योंकि पिछले कुछ सालों में क्षेत्र में आतंकवादी हमलों की संख्या बढ़ी है.
स्वात घाटी में विरोध और मांगें
पिछले हफ्ते ही स्वात घाटी के मिंगोरा शहर में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और सरकार और सुरक्षा बलों से शांति बहाल करने की मांग की. लोगों का गुस्सा इस बात पर था कि स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां लगातार बढ़ते आतंकवाद के बीच भी पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर पा रही हैं.
खैबर पख्तूनख्वा – पाकिस्तान का चुनौतीपूर्ण इलाका
खैबर पख्तूनख्वा पाकिस्तान का एक दूर-दराज़ और पहाड़ी इलाका है, जो आतंकवादियों का गढ़ माना जाता है. यही वह क्षेत्र है जहां पाकिस्तान सरकार अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है. इस इलाके की जटिल भौगोलिक और राजनीतिक स्थिति इसे पाकिस्तान के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण बनाती रही है.
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