Donald Trump Ukraine Ultimatum: रूस-यूक्रेन युद्ध को लगभग चार साल होने को हैं. हजारों लोग मारे जा चुके हैं, शहर तबाह हो चुके हैं और पूरी दुनिया इसकी मदद और राजनीति में उलझी हुई है. अब इसी बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नया शांति प्लान रखा है. लेकिन ये प्लान शांति लाने से ज्यादा विवाद पैदा करता दिख रहा है, क्योंकि इसमें यूक्रेन से बड़ी कुर्बानी मांगी जा रही है और जेलेंस्की के सामने सवाल है कि सम्मान बचाएं या अमेरिका की मदद.
ट्रंप का साफ बयान- जेलेंस्की को मानना ही होगा प्लान
शुक्रवार को ओवल ऑफिस में न्यूयॉर्क के मेयर-चुनावित जोहरान ममदानी के साथ बातचीत करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को अमेरिका के इस शांति प्लान को मंजूर करना ही पड़ेगा, चाहे उन्हें ये पसंद आए या नहीं. ट्रंप ने कहा कि उनके पास एक योजना है, जो भले शानदार न हो, लेकिन इससे युद्ध रुकेगा. उन्होंने साफ कहा कि अगर उसे पसंद नहीं आया तो लड़ते रहें, लेकिन आखिर में उसे कुछ न कुछ तो सहना ही पड़ेगा.
Donald Trump Ukraine Ultimatum: अमेरिका का शांति प्लान
अमेरिका के प्रस्ताव में यूक्रेन को कई भारी समझौते करने होंगे. सबसे बड़ा मुद्दा है जमीन का. इस प्लान के मुताबिक यह है कि यूक्रेन को रूस द्वारा कब्जा किए गए क्रीमिया और पूर्वी यूक्रेन के इलाकों को व्यवहारिक तौर पर रूसी मानना होगा. यूक्रेन को डोनेट्स्क के कुछ हिस्सों से अपनी सेना हटानी होगी, भले ही अब भी वहां उसका कब्जा हो. यूक्रेन की सेना की अधिकतम संख्या 6 लाख तय की जाएगी. यूक्रेन भविष्य में कभी भी NATO में शामिल नहीं हो सकेगा और NATO की कोई सेना यूक्रेन की धरती पर तैनात नहीं होगी. बदले में अमेरिका यूक्रेन को “भरोसेमंद सुरक्षा गारंटी” देगा और रूस की जब्त संपत्तियों से यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए एक फंड बनाया जाएगा. हालांकि सुरक्षा की ये गारंटी कैसी होगी, यह अभी साफ नहीं किया गया है.
ट्रंप का दावा- मैं होता तो युद्ध ही नहीं होता
डोनाल्ड ट्रंप ने इस पूरे युद्ध के लिए अपने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि अगर वे राष्ट्रपति होते तो ये जंग शुरू ही नहीं होती. उन्होंने यह भी कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनके अच्छे रिश्ते हैं, जिससे मामला जल्दी सुलझ सकता है. लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी जोड़ा कि “डांस करने के लिए दो लोग चाहिए”, यानी सिर्फ एक पक्ष से शांति नहीं आ सकती. ट्रंप ने युद्ध में हो रहे नुकसान के आंकड़े भी बताए. उनके अनुसार, सिर्फ पिछले महीने यूक्रेन ने लगभग 25,000 सैनिकों को खो दिया. उन्होंने कहा कि दोनों तरफ मिलाकर हर हफ्ते करीब 6,000 से 7,000 सैनिक मारे जा रहे हैं. ट्रंप ने इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे गंभीर हाल बताया. उन्होंने यह भी कहा कि रूस ने यूक्रेन के कई बिजली और ऊर्जा प्लांट्स पर हमला किया है, जिससे आने वाली सर्दियों में यूक्रेन को भारी मुश्किल हो सकती है.
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अमेरिका ने तय की आखिरी तारीख
ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में बताया कि यूक्रेन को ये प्लान मानने के लिए 27 नवंबर (गुरुवार) तक का समय दिया गया है. उन्होंने कहा कि डेडलाइन कभी-कभी बढ़ाई जा सकती है, लेकिन अभी के लिए यही आखिरी तारीख है. उन्होंने यह भी कहा कि रूस पर लगाए गए प्रतिबंध फिलहाल नहीं हटाए जाएंगे और उनका मानना है कि पुतिन अब और युद्ध नहीं चाहते.
जेलेंस्की का जवाब
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस प्रस्ताव को खुलकर खारिज कर दिया है. अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने एक सार्वजनिक भाषण में कहा कि यूक्रेन आज अपने इतिहास के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है. उनका कहना था कि देश के सामने दो रास्ते हैं या तो वे अपनी गरिमा और आजादी से समझौता करें, या फिर अमेरिका जैसे बड़े साथी को खोने का खतरा उठाएं. उन्होंने साफ कहा कि वो यूक्रेनी जनता के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे और पूरी ताकत से यूक्रेन की गरिमा और आजादी के लिए लड़ते रहेंगे. इस अमेरिकी शांति प्रस्ताव को सिर्फ यूक्रेन ने ही नहीं, बल्कि उसके बड़े यूरोपीय साथी देशों में जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन ने भी खारिज किया है. उनका मानना है कि ये प्रस्ताव रूस के ज्यादा पक्ष में जाता दिख रहा है.
पुतिन ने प्रस्ताव का स्वागत किया
जब यूक्रेन और यूरोप नाराज हैं, तब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस योजना का स्वागत किया है. उनका कहना है कि ये प्रस्ताव यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में “एक मजबूत आधार” बन सकता है. यानी जो बात यूक्रेन को नुकसान लग रही है, वहीं रूस को अपने फायदे की लग रही है.सीएनएन और अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के अंदर जो शांति प्रस्ताव तैयार हो रहा है, उसमें कुल 28 बिंदु हैं. इस ड्राफ्ट को ट्रंप देख चुके हैं और उन्होंने इसे समर्थन भी दिया है. हालांकि सीएनएन ने ये भी साफ किया कि ये प्लान अभी अंतिम नहीं है, इसमें बदलाव हो सकते हैं. अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, जेलेंस्की इसे लेकर यूक्रेनी जनता से एकजुट रहने की अपील कर रहे हैं.
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