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लॉकडाउन की वजह से भारत में फंसे डॉक्टर मिश्रा अस्पताल में अपनी सेवाएं देने ब्रिटेन लौटे

कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए भारत में लागू लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में फंसे भारतीय मूल के एक डॉक्टर ने पूर्वी इंग्लैंड स्थित सफॉल्क के अस्पताल में अपनी सेवाएं देने के लिए लौटने के बाद शुक्रवार को कहा कि वह अब राहत महसूस कर रहे हैं.

लंदन : कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए भारत में लागू लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में फंसे भारतीय मूल के एक डॉक्टर ने पूर्वी इंग्लैंड स्थित सफॉल्क के अस्पताल में अपनी सेवाएं देने के लिए लौटने के बाद शुक्रवार को कहा कि वह अब राहत महसूस कर रहे हैं.

ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) से संबद्ध डॉक्टर सुशील मिश्रा एक्यूट मेडिसिन के विशेषज्ञ हैं और उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा पिछले सप्ताहांत दिल्ली में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए भेजे गए विशेष विमान में जगह मिली.

इस हफ्ते उन्होंने अस्पताल में अपना काम संभाल लिया. मिश्रा ने कहा, ‘‘गत दिनों अस्पताल में बहुत कुछ हुआ. दिनचर्या और नीति बदल गई और नये दिशानिर्देश आये है. मैं वापस आकर राहत महसूस कर रहा हूं. ऐसा लग रहा है कि मैं घर में हूं और मैं दोबारा ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन (बीएमए) के सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं.

उल्लेखनीय है कि बीएमए ने भारत में फंसे 21,000 ब्रिटिश नागरिकों को वापस लाने में चिकित्सा पेशेवरों को तरजीह देने के लिए यहां के प्रशासन पर दबाव डाला था. मिश्रा पिछले महीने अपने माता-पिता से मिलने के लिए भारत गए थे और 29 मार्च को उन्हें वापस लौटना था लेकिन 25 मार्च को लागू लॉकडाउन की वजह से यह संभव नहीं हुआ

ब्रिटेन में अपनी पत्नी और बेटी से मिलने और काम दोबारा शुरू करने को उत्सुक मिश्रा ने गत दिनों वापस लौटने के लिए तमाम प्रयास किए. उनके प्रयास के जवाब में बीएमए ने ब्रिटेन की सरकार का आह्वान किया कि वह विदेश में फंसे चिकित्सा पेशवरों को वापस लाने के लिए और प्राथमिकता से काम करे.

इस बीच, विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफसीओ) ने घोषणा की कि भारत में फंसे नागरिकों को लाने के लिए विशेष विमानों का परिचालन करने को लेकर भारत सरकार से समझौता हो गया है. मिश्रा यात्रा को याद करते हुए कहते हैं, ‘‘मुझे हवाई अड्डा लाने के लिए वाहन भेजा गया था.

पूरे रास्ते में सबकुछ बंद था सिवाय विशेष अनुमति से चलने वाले वाहनों को छोड़कर. विमान के रवाना होने से करीब पांच घंटे पहले हमें हवाई अड्डे पर लाया गया था. हवाई अड्डे पर सभी दुकानें बंद थीं लेकिन सौभाग्य से टर्मिनल में प्रवेश करने से पहले हमें पानी उपलब्ध कराया गया.

उन्होंने बताया कि गत रविवार हीथ्रो हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद उन्होंने लंदन में जूनियर डॉक्टर के रूप में कार्यरत बेटी से कुछ देर के लिए मुलाकात की और फिर सफॉल्क स्थित घर लौटे जहां पर वह पत्नी के साथ रहते हैं

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