पिछले दो साल से देश में कोरोना वायरस ने लोगों को डरा कर रखा है. लाखों की संख्या में लोगों की मौत का कारण बनने के बाद भी वायरस थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालांकि देश में हुए तीव्र वैक्सीनेशन की वजह से कोरोना वायरस की वजह से होने वाली मौत पर लगाम कस गयी है, लेकिन मौसम बदलने के साथ ही देश में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने लगता है.
एक्सपर्ट की मानें तो कोरोना वायरस का संक्रमण अब सामान्य वायरल इंफेक्शन की तरह हो गया है, हालांकि इसमें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. वर्ष 2021 में वायरस से जिस तरह से लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया और जिस तरह लाखों लोगों की मौत हुई, उसके बाद जब भी इसका संक्रमण बढ़ता है सरकार सावधान हो जाती है और लोगों से भी सावधानी बरतने को कहती है, क्योंकि लापरवाही खतरनाक हो सकती है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के हिसाब से देश में अबतक संक्रमित हुए लोगों की संख्या साढ़े चार करोड़ के आसपास हो गई और वर्तमान समय में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या जिस रफ्तार से बढ़ रही है, इसमें कोई शक नहीं कि अगले कुछ महीनों में इसमें और इजाफा होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर नजर रखे हुए है और लगातार स्थिति की समीक्षा कर रहा है. पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक की और कुछ गाइडलाइन भी जारी की है. हालांकि अभी मास्क को जरूरी नहीं किया गया है, लेकिन आम लोगों से अपील की गयी है कि वे भीड़भाड़ वाली जगह पर ना जायें और सर्दी-खांसी और बुखार होने पर उचित डाॅक्टरी परामर्श लें.
भारत में कोविड बीमारी से स्वस्थ होने वालों का प्रतिशत 98. 68 प्रतिशत है. इसलिए यह कहा जा सकता है कि वैक्सीनेशन का हमारे देश में जबरदस्त प्रभाव दिखा है. कोविड का दूसरा दौर बहुत ही खतरनाक था जब लाखों लोगों की मौत हुई. कोरोना वायरस का संक्रमण काफी तेजी से फैलता है और इस वायरस से संक्रमितों के संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है. पूरी दुनिया में इस वायरस के संक्रमण से लाखों लोगों की मौत हुई है.