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अमेरिका में अब ट्रंप की सरकार : सचमुच 50 गुना ज्यादा चौंकानेवाला परिणाम

अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में सारे सर्वेक्षणों को खारिज करते हुए रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अप्रत्याशित जीत दर्ज की. उन्होंने हिलेरी से 11 राज्यों में अधिक बढ़त हासिल करते हुए 73 वोटों से जीत हासिल की. हालांकि मीडिया और चुनावी रिपोर्टों में लगातार उनके खिलाफ खबरें और सर्वे आ रहे थे. डोनाल्ड […]

अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में सारे सर्वेक्षणों को खारिज करते हुए रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अप्रत्याशित जीत दर्ज की. उन्होंने हिलेरी से 11 राज्यों में अधिक बढ़त हासिल करते हुए 73 वोटों से जीत हासिल की. हालांकि मीडिया और चुनावी रिपोर्टों में लगातार उनके खिलाफ खबरें और सर्वे आ रहे थे. डोनाल्ड ट्रंप दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतांत्रिक देश अमेरिका के पहले गैर राजनीतिक और सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति बने हैं.

अलग-अलग राजनीतिक विश्लेषक उनकी जीत की अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं. मुसलिम देशों के साथ, अमेरिकी मुसलिम समुदाय में भी ट्रंप की नीतियों को लेकर आशंका बनी हुई है. यह तय माना जा रहा है कि इस परिणाम का विश्व की राजनीति पर दूरगामी असर होगा.

वाशिंगटन/न्यू यॉर्क : बिजनेसमैन से नेता बने न्यू यॉर्क के अरबपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने तमाम चुनावी सर्वेक्षणों के आकलनों को धता बताते हुए गैर राजनीतिक हो कर भी अपने प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को करारी शिकस्त दी. चुनाव से ठीक दो दिन पहले ट्रंप ने चुनावी सभा को संबोधित हुए कहा था कि मैं किसी सर्वे और सर्वेक्षण को नहीं मानता. परिणाम 50 गुना ज्यादा चौंकानेवाले आयेंगे. और हुआ भी यही. शुरुआती सर्वे ने हिलेरी को जीत का प्रबल दावेदार माना गया था. राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को निर्वाचन मंडल के 538 मतों में से 270 मतों की आवश्यकता थी. ट्रंप ने निर्वाचन मंडल के 288 मत हासिल करके शानदार जीत हासिल की जबकि हिलेरी को 215 मत मिले.

हिलेरी से 11 राज्यों में अधिक वोट पाये ट्रंप

70 वर्षीय ट्रंप ने पेनसिल्वेनिया, ओहायो, फ्लोरिडा, टेक्साॅस और उत्तर कैरोलिना जैसे राज्यों में शानदार प्रदर्शन करके चुनाव सर्वेक्षकों को गलत साबित कर दिया. सीएनएन के अनुसार ट्रंप ने 29 राज्यों और हिलेरी ने 18 राज्यों में जीत हासिल की. हिलेरी ने कैलिफोर्निया, नेवादा, हवाई, इलिनोइस, न्यू याॅर्क, न्यूजर्सी, मैरीलैंड, डिस्ट्रक्टि ऑफ कोलंबिया, वर्मोंट, मैसाच्युसेट्स, कनेक्टिकट, डेलावेयर, कोलोराडो, न्यू मैक्सिको, वर्जीनिया, ओरेगन, वाशिंगटन और रोह्ड आइलैंड में जीत प्राप्त की. सीएनएन चैनल के अनुसार ट्रंप ने पेनसिल्वेनिया, फ्लोरिडा, अलास्का, यूटा, आयोवा, एरिजोना, विस्कॉन्सिन, जॉर्जिया, ओहायो, उत्तर कैरोलिना, उत्तर डकोटा, दक्षिण डकोटा, नेब्रास्का, कंसास, ओकलाहोमा, टेक्साॅस, व्योमिंग, इंडियाना, केंटुकी, टेनेसी, मिसीसिपी, अरकंसास, लुइसियाना, पश्चिम वर्जीनिया, अलबामा, दक्षिण कैरोलिना, मोंटाना, इडाहो और मिसौरी में जीत हासिल की.

शुरुआत में नहीं मिल रहा था समर्थन

ट्रंप के लिए एक समय राष्ट्रपति बनना दूर की कौड़ी समझा जा रहा था. ट्रंप ने अमेरिका के औसत श्वेत कामकाजी वर्ग के सत्ता प्रतिष्ठान से मोहभंग का लाभ उठाया. प्रवासी विरोधी बयानबाजी के दम पर प्रचार मुहिम आगे बढ़ायी. महिलाओं एवं प्रवासियों पर ट्रंप की टिप्पणियों से कई शीर्ष रिपब्लिकंस ने ट्रंप की आलोचना की थी. प्राइमरी चुनाव में बड़ी जीत के बाद भी कई पार्टी नेताओं ने उन्हें समर्थन से इनकार कर दिया था.अधिकतर विशेषज्ञों का मानना है कि जब एफबीआइ ने 69 वर्षीय हिलेरी के खिलाफ ई-मेल मामले में जांच शुरू करने की जो घोषणा की, उसी ने राष्ट्रपति चुनाव का रुख ट्रंप के समर्थन में मोड़ दिया, लेकिन एफबीआइ ने हिलेरी को चुनाव से पहले अंतिम समय में क्लीन चिट दे दी, हालांकि तब तक शायद बहुत देर हो चुकी थी.

गलत साबित हुए सर्वे और सर्वेक्षण

चुनाव से पहले लगभग सभी सर्वे और सर्वेक्षणों में हिलेरी की जीत पक्की बतायी थी. हालांकि चुनाव के नजदीक आते-आते हिलेरी की बढ़त कुछ कम जरूर हुई थी. चुनाव से ठीक एक दिन पहले वेबसाइट फाइव थर्टी एट ने अपने सर्वेक्षण में हिलेरी के जीतने की उम्मीद 65 फीसदी बतायी थी. इसी महीने की शुरुआत में फॉक्स न्यूज के सर्वे में हिलेरी (45 %) ट्रंप से (43 %), दो प्रतिशत आगे थीं. सितंबर में पीपीपी ने पांच प्रतिशत, एनबीसी न्यूज ने छह प्रतिशत, और मानमाउथ यूनिवर्सिटी ने अपने सर्वे में ट्रंप पर हिलेरी की बढ़त को सात% बताया था. सभी सर्वेक्षणों पर नजर रखनेवाली रियल क्लियर पॉलिटिक्स ने हिलेरी की औसत बढ़त नौ प्रतिशत बतायी थी.

हम अमेरिकी सपने में नयी जान फूकेंगे

अमेरिका-भारत की दोस्ती और मजबूत होगी : भारत

नयी दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि भारत-अमेरिका के संबंध अमेरिकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री की दोस्ती से आगे बढ़ कर है.

भारतीय मूल के वर्मा ने कहा कि दोनों देशों को जोड़ने वाले संबंध साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित होते हैं और आर्थिक तथा जनता के बीच संबंधों से परे जाते हैं. उन्होंने कहा कि यह द्विपक्षीय है. ओबामा प्रशासन द्वारा 2014 में नियुक्त किये गये वर्मा ने ट्रंप की डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन के साथ उस समय करीब से काम किया था जब वह विदेश मंत्री थीं. वर्मा ने एक बयान में कहा कि अमेरिका-भारत के संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं, ये द्विपक्षीय हैं और मजबूत ही हो रहे हैं. अमेरिका-भारत की मजबूत दोस्ती के चार और साल हैं.’

अमेरिका में हिलेरी के योगदान को भी सराहा

विरोधियों से भी कहा कि अपनी सलाह और मार्गदर्शन करें

न्यूयार्क : चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने जीत की घोषणा के बाद अपने पहले भाषण में कहा कि वह सभी अमेरिकावासियों के राष्ट्रपति बनेंगे. उन्होंने देश भर के रिपब्लिकनों, डेमोक्रेटों और निर्दलियों से एक साथ आने की अपील की. विजयी भाषण में ट्रंप ने डेमोक्रेेट प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन को शुभकामनाएं दीं. कहा कि हिलेरी ने मजबूती से लड़ाई लड़ी.

ट्रंप ने अभियान मुख्यालय में समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि हिलेरी ने लंबे समय तक बहुत मेहनत की. बहुत काम किया.

देश की उन्होंने जो सेवा की है उसके लिए हम उनके आभारी हैं. इस मौके पर उनके साथ उनकी पत्नी मेलानिया और बच्चे तथा उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार माइक पेंस भी थे. ट्रंप ने कहा कि अब समय आ गया है कि अमेरिका दरारों को पाटे, एक साथ आएं, मैं देश के सभी रिपब्लिकन, डेमोक्रेट और निर्दलीय लोगों से अपील करता हूं कि हम एकजुट हो जायें. मैं इस देश के हर नागरिक से वादा करता हूं कि मैं सभी अमेरिकावासियों का राष्ट्रपति बनूंगा. यह बात मेरे लिए महत्व रखती है.

वे लोग जिन्होंने मेरा समर्थन नहीं करने का फैसला लिया, हालांकि ऐसे लोगों की संख्या कम ही है, मैं आपका मार्गदर्शन और आपकी मदद चाहता हूं ताकि हम मिलकर काम कर सकें. अपने महान राष्ट्र को एक कर सकें. मैं शुरू से यह बात कह रहा हूं कि यह हमारा अभियान नहीं था बल्कि यह लाखों मेहनतकश महिलाओं और पुरुषों का चुनाव अभियान था.

वे उनका अभियान जो अपने देश से प्रेम करते हैं. ट्रंप ने कहा कि पेनसिल्वेनिया में हार के कुछ ही देर बाद हिलेरी ने उन्हें फोन कर अपनी हार स्वीकार कर ली थी. उन्होंने हमें बधाई दी, यह जीत हमारी है और मैंने उन्हें तथा उनके परिवार को मजबूती से लड़े गये. अभियान के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि साथ मिलकर हम राष्ट्र के पुनर्निर्माण का महत्वपूर्ण काम प्रारंभ करेंगे. अमेरिकी सपने में नयी जान फूकेंगे. ट्रंप ने कहा कि हर एक अमेरिकी को अपने सामर्थ्य के अनुसार अपने सपनों को पूरा करने का मौका मिलेगा.

ट्रंप के अभियान के पांच विवाद

अमेरिका के नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार को चुनाव जीत गये. रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप के चुनाव अभियान के पांच विवाद जिनसे वह सुर्खियों में रहे.

यौन उत्पीड़न पर गर्व

ट्रंप के महत्वपूर्ण विवादों में उनका सेक्स को लेकर कमेंट खासा चर्चा में रहा. वर्ष 2005 में रिपब्लिकन उम्मीदवार एक इवेंट में एक अज्ञात शादीशुदा महिला और युवती से सेक्स के लिए ऑफर कर रहे हैं. इसमें वह महिलाओं से कह रहे हैं कि तुम स्टार हो, यह कर सकती हो. हालांकि ट्रंप ने एक बंद कमरे में इसके लिए माफी मांगी. लेकिन उसे तवज्जो नहीं मिली. यह विवाद आने के बाद चुनाव अभियान के चरम पर कई महिलाएं मीडिया के सामने आयीं कि ट्रंप ने उन्हें गलत तरीके से स्पर्श किया.

मुसलिम विरोधी बयान से चर्चा

ट्रंप अपने मुसलिम विरोधी बयानों को लेकर भी अपने चुनाव अभियान में छाये रहे. बुद्धिजीवियों और उदार विचारधारा के लोगों ने ट्रंप के नजरिये का विरोध किया. नौ अक्तूबर को अपने दूसरे प्रेसिडेंसियल डिबेट में उन्होंने इस्लामोफोबिया का जिक्र किया. अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के मुंह से दिये गये इस बयान को अमेरिका के मुसलिम समुदाय ने अपने से जोड़ कर देखा. ट्रंप ने कहा था कि जब हम कुछ करने जा रहे हैं, तो हमें निश्चित कर लें कि क्या सही है क्या गलत है. हमें राजनीतिक रूप से सही होने की जरूरत है. हमें मुसलमानों की सच्चाई को भी स्वीकर कर लेना चाहिए.

आव्रजन को सस्पेंड करने की प्रतिज्ञा

ट्रंप ने चुनाव अभियान में कहा था कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, सऊदी अरब और सोमालिया के रास्ते आनेवाले लेाग पश्चिमी दुनिया के लिए खतरा हैं. जोर देकर कहा कि इन क्षेत्रों से इसलामिक आतंकवाद और कट्टरपंथ जुड़ा है. इसलिए वहां लोगों के आव्रजन को सस्पेंड कर दिया जायेगा. पश्चिमी दुनिया को आतंकवाद और कट्टरपंथ के खतरे से बचाने का यही रास्ता है. ट्रंप ने अमेरिकी चुनाव में लोगों को भय दिखा कर उसे भुनाने की कोशिश की.

हिलेरी पर ड्रग्स लेने का लगाया आरोप

ट्रंप ने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन पर गंभीर आरोप लगाते हुए हिलेरी की शारीरिक क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रेसिडेंसियल बहस से पहले हिलेरी ने ड्रग्स ली थी. ट्रंप ने तीसरी और अंतिम बहस में ड्रग्स टेस्ट की मांग भी की है. कहा था मैं समझता हूं कि हमें ड्रग टेस्ट देना चाहिए. मैं ऐसा करने का इच्छुक हूं. ट्रंप लगातार हिलेरी पर आरोप लगाते हुए नजर आये. वे पहले भी हिलेरी पर इस प्रकार के आरोप लगा चुके हैं. कुछ समय पहले ही ट्रंप ने कहा था कि अमरीका का राष्ट्रपति बनने के लिए जो शारीरिक क्षमता चाहिए वह हिलेरी में नहीं है. इस पर बहस के दौरान हिलेरी उत्तेजित हो गयीं.

अमेरिका और मैक्सिको के बॉर्डर पर दीवार

व्हाइट हाउस के रेस में अमेरिका के अरबपति कारोबारी ने यह कह कर भी चौंका दिया कि वह अमेरिका और लैटिन अमेरिकी देश मैक्सिको के बॉर्डर पर दीवार खड़ा देंगे. क्यों कि मैक्सिको के लोग अमेरिका में अवैध आव्रजन कर रहे हैं. उन्होंने कई मौकों पर मैक्सिकों के लोगों का अपमान किया. उन्हें अपराधी, बलात्कारी और मादक पदार्थों का तस्कर कह कर अपमानित किया. इसे लेकर भी खासा विवाद हुआ. ट्रंप के बयान का विपक्षियों ने माखौल उड़ाया. अमेरिका और मैक्सिको के बॉर्डर पर दीवार खड़ा संभव नहीं है. मैक्सिको ने भी इस पर सख्त आपत्ति दर्ज की.

अमेरिकी चुनाव में भारतवंशी भी चमके

कमला हैरिस ने अमेरिकी सीनेट का चुनाव जीता : न्यू याॅर्क. कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल कमला हैरिस ने अमेरिकी सीनेट सीट का चुनाव जीत कर इतिहास रच दिया. यह सफलता हासिल करनेवाली वह पहली भारतीय-अमेरिकी हैं.

डेमोक्रेट लॉरेटा सानचेज को हरानेवाली 51 वर्षीय हैरिस अमेरिकी सीनेट में चुनी जानेवालीं छठी अश्वेत हैं, पांचवें अश्वेत अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा थे. दो दशकों से भी ज्यादा समय में उच्च सदन में पहुंचनेवाली वे पहली अश्वेत महिला हैं. उनकी मां श्यामला गोपालन चेन्नई से यहां विज्ञान की पढ़ायी करने आयी थीं. उनके पिता जैमेका में पले-बढ़े हैं. दो बार अटॉर्नी जनरल रह चुकी हैरिस ने लॉरेटा को हराया है. वह बारबरा बॉक्सर की जगह लेंगी, जिन्होंने दो दशकों तक सीनेट में रहने के बाद 2014 में रिटायर्टमेंट ले ली थी.

कृष्णमूर्ति ने अमेरिकी संसद का चुनाव जीता : वाशिंगटन. भारतवंशी डेमोक्रेट राजा कृष्णमूर्ति ने एल्महर्स्ट से पूर्व मेयर एवं रिपब्लिकन पार्टी के पीटर डिसियान्नी को शिकस्त देकर इलिनोइस से अमेरिकी कांग्रेस का चुनाव जीत लिया. कृष्णमूर्ति (43) ने आठवें कांग्रेशनल डिस्ट्रक्टि शिकागो की अमेरिकी प्रतिनिधि सभा सीट के लिए जीत दर्ज की.

दिल्ली में जन्मे कृष्णमूर्ति पेशे से प्रयोगशाला कार्यकारी हैं. उनकी जड़ें चेन्नई से जुड़ी हैं. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनका समर्थन किया था. कृष्णमूर्ति ने ट्वीट किया कि शुक्रिया, इलिनोइस के आठवें डिस्ट्रक्टि का कांग्रेस सदस्य बनकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं. दिलचस्प है कि प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गये कृष्णमूर्ति ऐसे दूसरे हिंदू-अमेरिकी हैं. कृष्णमूर्ति को उनके प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ 54,149 की तुलना में 81,263 मत मिले.

प्रमिला जयपाल ने जोड़ा नया अध्याय : न्यू यॉर्क. प्रमिला जयपाल अमेरिकी प्रतिनिधिभा में चुनी जानेवाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला बन गयी हैं. उन्होंने वॉशिंगटन की सीनेट सीट जीती है. वाशिंगटन से 51 वर्षीय जयपाल को 57 फीसदी वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी बे्रडी वॉकिनशॉ को 43 फीसदी वोट मिले. उनकी जीत का श्रेय उनके प्रगतिशील एजेंडे को जाता है. जयपाल ने वाशिंगटन स्टेट के सातवें जिले से चुनाव लड़ा था. इसके अंतर्गत सीएटल और ईद-गिर्द के इलाके आते हैं. डेमोक्रेटिक सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने उनका समर्थन किया था.

प्रमिला ने इस साल जनवरी में अपनी प्रचार मुहिम शुरू करते समय कहा था कि मैं कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ रही हूं क्योंकि अब एक प्रगतिशील लड़ाके की आवश्यकता है. प्रमिला को मौजूदा कांग्रेस में एकमात्र भारतीय अमेरिकी एमी बेरा समेत 21 कांग्रेस सदस्यों ने समर्थन दिया है. इसके अलावा एनएआरएएल, एमिलीज लिस्ट एवं प्लान्ड पैरेंडहुड और बड़े श्रमिक संघों ने भी उन्हें समर्थन दिया है.चेन्नई में जन्मी प्रमिला पांच वर्ष की आयु में भारत से बाहर गयी थीं. वे इंडोनेशिया, सिंगापुर और अंत में अमेरिकी गयीं. प्रमिला ने कहा कि एशियाई एवं भारतीय पृष्ठभूमि के कारण कांग्रेस को एक अलग नजरिया मिलेगा.

जॉर्ज बुश और उनकी पत्नी ने किसी को नहीं दिया वोट

न्यू यॉर्क. परंपरा को असामान्य रूप से तोड़ते हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और उनकी पत्नी लॉरा ने अपना वोट ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन में से किसी को भी नहीं दिया.

यह जानकारी पूर्व राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने टेक्सास ट्रिब्यून को दी. रेडियो होस्ट रश लिंबाग ने मंगलवार को कहा था कि बुश ने हिलेरी को वोट दिया है, जिसके बाद टेक्सास ट्रिब्यून को लिखे ईमेल में बुश के प्रवक्ता फ्रेडी फोर्ड ने कहा है,‘उन्होंने हिलेरी को वोट नहीं दिया, उन्होंने ट्रंप को भी वोट नहीं दिया.’ जॉर्ज डब्ल्यू बुश और उनके पिता तथा पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश दोनों ही अपनी रिपब्लिनक पार्टी के उम्मीदवार ट्रंप के समर्थन में नहीं थे. संभावना थी कि बुश सीनियर हिलेरी को वोट दे सकते हैं. प्रवक्ता जिम मैक्ग्राथ ने कहा,‘हम राष्ट्रपति पद की दौड़ पर टिप्पणी नहीं करेंगे.’

एशियाई नागरिकों ने रिकॉर्ड वोट किया

न्यू याॅर्क. डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों समेत एशियाई अमेरिकियों ने वोट किया है. मतदान पर विश्लेषण करनेवाली रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है. एएपीआइ विक्टरी फंड ने बताया कि टार्गेटस्मार्ट द्वारा अमेरिका में वोटों पर विश्लेषण से पता चलता है कि 70 वर्षीय ट्रंप और रिपब्लिकन के खिलाफ रिकॉर्ड संख्या में एशियाई अमेरिकी एंड प्रशांतद्वीपीय वोटरों मतदान किया है. नेवादा और नार्थ कैरोलिना में संख्या के मामले में एएपीआइ वोटरों ने हिस्पानवी वोटरों को पीछे छोड़ दिया है.

दुनिया की नजर में ट्रंप की जीत

चीन : डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर सधी प्रतिक्रिया

बीजिंग. चीन ने ट्रंप के अमेरिका का राष्ट्रपति चुने जाने पर सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया जतायी. कहा कि दोनों देशों के लोगों के फायदे के लिए द्विपक्षीय संबंधों का निरंतर विकास सुनिश्चित करने के लिए वह नयी अमेरिकी सरकार के साथ काम करेगा. चीन की अक्सर अमेरिका की नौकरियां अपने यहां ले जाने के लिए आलोचना की जाती है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा,‘चुनाव बाद की स्थिति पर हम नजर रखे हैं. उम्मीद है कि नयी सरकार द्विपक्षीय संबंधों के स्थिर एवं ठोस विकास के लिए काम करेगी.

इंडोनेशिया : मुसलिम विरोधी बयान से चिंता

दुनिया के सर्वाधिक मुसलिम आबादीवाले देश इंडोनेशिया में विश्वविद्यालय के व्याख्याता दियानिता सुगियो (34) ने कहा कि वह मुसलमानों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाये जाने के ट्रंप के आह्वान को लेकर चिंतित हैं. वह हमेशा से मुसलिम विरोधी रहे हैं. मुझे डर इस बात का है कि मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव करेंगे.’ डोनाल्ड ट्रंप ने 12 देशों के ‘ट्रांस-पैसेफिक पार्टनरशिप’ के समझौते से अलग हटने की बात की थी. यह समझौता ओबामा की कूटनीति का प्रमुख हिस्सा था. ट्रंप की अगली नीति पर नजर रहेगी.

पाक : नवाज शरीफ ने ट्रंप को दी मुबारकबाद

पीएम नवाज शरीफ ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में जीत के लिए डोनाल्ड ट्रंप को अपने और पाकिस्तान की जनता की ओर से मुबारकबाद दी. ट्रंप के नाम अपने संदेश में उन्होंने कहा कि आप की जीत के लिए अमेरिकी की जनता को भी हम अपने धन्यवाद देते हैं. नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका का सात दशक पुराना स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप, स्वतंत्रता के साझा आदर्शों, लोकतंत्र, आपसी सहयोग और हितों के सहयोग का शानदार इतिहास रहा है. द्विपक्षीय संबंधों का सिलसिला चलता रहेगा.

रूसी संसद में ट्रंप की जीत पर बजी तालियां

माॅस्को. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप को जीत पर बधाई देते हुए कहा कि अमेरिका-रूस संबंधों को उसकी नाजुक स्थिति से बाहर निकालने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय एजेंडा पर लंबित मुद्दों पर सुलझाने के लिए परस्पर रूप से काम करने की उम्मीद जतायी.’ कहा,‘रूस के राष्ट्रपति ने यह भी निश्चितता जतायी कि रूस और अमेरिका के बीच रचनात्मक बातचीत हमारे देशों के लोगों और पूरे विश्व समुदाय के हित में होगी.’ पुतिन ने प्रचार अभियान के दौरान ट्रंप का परोक्ष रूप से समर्थन किया था. ट्रंप ने बार-बार रूसी नेता की प्रशंसा की थी. ट्रंप की जीत के बारे में जानकारी होने पर रूसी संसद में तालियां बजायी गयीं.

ट्रंप की मैक्सिको नीति पर रहेगी सबकी नजर

टिप्पणी : बर्लिन की दीवार गिरने के 27 साल के बाद बना दीवार बनानेवाला बना राष्ट्रपति

रिक नॉक

यूरोप के नेता ट्रंप की नीतियों के बारे में कयास लगाने में जुटे बुधवार की सुबह जब यूरोप की नींद खुली तब उन्हें एक ऐसे चुनाव परिणाम का पता चला जिसके सच होने की बहुत कम लोगों को उम्मीद थी और बहुत कम लोग इसके समर्थन में थे.

बुधवार को ही बर्लिन की दीवार के गिरने की 27वीं वर्षगाठ थी. विशेषज्ञों ने दोनों घटनाओं पर अपनी टिप्पणी करने में देरी नहीं की. यूरोप की एक बड़ी आबादी अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की ट्रंप की योजना को लेकर चिंतित हैं. एक विशेषज्ञ हैरी लेसली स्मिथ ने अपनी टिप्पणी में कहा- यह बहुत दुखद है कि आज ही दिन वर्ष 1989 में बर्लिन की दीवार गिरी थी और राष्ट्रपति ट्रंप एक नयी दीवार बनाने वाले हैं जो उससे ज्यादा निष्ठुर होगी.

अमेरिका का दीवार का निर्माण करना कोई नयी बात नहीं है. यूरोप या दूसरी जगहों पर भी सीमा की घेराबंदी करने के मामलों में इजाफा हुआ है. उदाहरण के लिए, हंगरी ने हाल के दिनों ने शरणार्थियों को रोकने के लिए अपनी सीमा पर फेंसिंग की. यूरोपीय संघ के दूसरे देशों ने भी इसी वजह से सीमा पर चौकसी बढ़ायी है. अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की ट्रंप की योजना की पश्चिम यूरोप के देशों ने जबरदस्त आलोचना की थी. यह आलोचना ट्रंप के दूसरे बयानों के वजह से अधिक थी.

एटलांटिक महासागर पर पार, वाशिंगटन से हजारों मील दूर, यूरोप के राजनेता ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद होने वाले बदलावों के अध्ययन में जुटे हैं.

हाल में हुई आतंकी घटनाओं के मद्देनजर क्या वह सीमा पर फेंसिंग को लेकर गंभीर हैं. क्या वह अमेरिका में रह रहे मुसलमानों का जीना दूभर कर देंगे. इन सब के साथ ही अमेरिका और रूस के बीच मधुर संबंध का प्रभाव मध्य पूर्व खासकर सीरिया पर किस तरह से पड़ेगा, इसपर भी सभी कयास लगाने में जुटे हैं.

जुलाई में मात्र 6.3 फीसदी जर्मन कहते थे कि वह ट्रंप के समर्थक हैं. पूरे यूरोप में लगभग यही रुझान था. लेकिन, अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि ट्रंप और यूरोप की आपस में अच्छी बनेगी. बुधवार की सुबह पत्रकार क्रिस्टोफ एमेंड ने कहा – एंजेला मर्केल अब सही मायने में मुक्त विश्व की नेता है. हिटलर और ट्रंप के बीच तुलना में करने में अमेरिकियों से ज्यादा सावधानी यूरोपीय बरतते रहे हैं. अमेरिकी चुनाव ने एक तरह से अमेरिका को विभाजित कर दिया है. अब यूरोप के लोगों को यह डर सता रहा है कि कही ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यूरोप भी विभाजित न हो जाये.

रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के प्रति ट्रंप के दोस्ताना रवैये की वजह से यूरोप के नेता पसोपेश में हैं. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि वह रूस की सैन्य गतिविधियों की वजह से चिंतित हैं. बर्लिन की दीवार के गिरने के 27 साल बाद और पश्चिम-सोवियत के बीच तनाव खत्म होने के बाद एकबार इनके बीच तनाव फिर सामने आ

गया है.

अब तक पश्चिमी यूरोप के देशों को अमेरिकी सैन्य सहायता पर किसी ने सवाल नहीं उठाये थे. कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि क्या आने वाले समय में ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इस तरह के मदद की गारंटी रहेगी.

यूरोप में कुछ लोगों को इस बात का भी डर है कि ट्रंप उदारवादी और पोपुलिस्ट सरकारों के बीच वैचारिक खाई उत्पन कर सकते हैं. यह अंतत: यूरोप को विभाजित कर देगा. अगले वर्ष फ्रांस अपना नया राष्ट्रपति चुनेगा. दक्षिणपंथी राष्ट्रीय मोर्चा के उम्मीदवार मरिन ली पेन के चुनाव जीतने के उम्मद है. बुधवार की सुबह ट्रंप को चुनाव जीतने के बाद बधायी देने वाले शुरुआती कुछ राजनेताओं में वह हैं.

वाशिंगटन पोस्ट से साभार

ट्रंप के बारे में सही साबित हुई मछली व बंदर की भविष्यवाणी

चेन्नई/शंघाई : भारत की मछली और चीन के बंदर, दोनों की भविष्यवाणी सही साबित हुई. परिणाम आने से पहले ही दोनों ने भविष्यवाणी की थी कि अमेरिका के अगले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप होंगे. चेन्नई की एक मछली चाणक्य-3 ने मंगलवार शाम को ही इसकी भविष्यवाणी की थी कि अमेरिका में चल रहे राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप की जीत होगी. मछली ने अपना भोजन उस नाव की तरफ से खाया था जिस पर ट्रंप की तसवीर लगी थी. इससे पहले चाणक्य-दो मछली ने भी यूरो कप 2016 फुटबॉल प्रतियोगिता के विजेता की भी सही भविष्यवाणी की थी.

वहीं, चीनी बंदर ने भी चार दिन पहले ही यह भविष्यवाणी की थी कि ट्रंप ही राष्ट्रपति चुनावों में जीत दर्ज करेंगे. चीन में यह बंदर किंग ऑफ प्रॉफिट यानी देवदूतों के राजा के नाम से मशहूर है. बंदर ने भी ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन की तस्वीरों में से ट्रंप की तस्वीर का चुनाव किया था.

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