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Coronavirus के बहाने ममता ने केंद्र सरकार और मीडिया पर साधा निशाना, कही यह बात

Mamata takes on Media and Union Government over Coronavirus. दक्षिणी दिनाजपुर (South Dinajpur) में तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की एक सभा में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा, ‘आजकल कुछ लोग कुछ ज्यादा ही कोरोना, कोरोना (Corona) चिल्ला रहे हैं. हां, यह एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन दहशत पैदा नहीं करें. कुछ टीवी चैनल (TV Channel) दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) को दबाने के लिए इसका प्रचार कर रहे हैं. इसके होने पर रिपोर्ट करें. हम नहीं चाहते कि बीमारी फैले, लेकिन दहशत नहीं पैदा करें.’

बुनियादपुर (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर केंद्र सरकार और मीडिया पर निशाना साधा है. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा से ध्यान भटकाने के लिए ‘कुछ लोग और चैनल’ देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर घबराहट पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं.

ममता ने कहा कि दिल्ली में ‘खुश और स्वस्थ’ लोग हिंसा के कारण मारे गये, वायरस के कारण नहीं. उन्होंने दक्षिणी दिनाजपुर में तृणमूल कांग्रेस की एक सभा में कहा, ‘आजकल कुछ लोग कुछ ज्यादा ही कोरोना, कोरोना चिल्ला रहे हैं. हां, यह एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन दहशत पैदा नहीं करें. कुछ (टीवी) चैनल दिल्ली हिंसा को दबाने के लिए इसका प्रचार कर रहे हैं. इसके होने पर रिपोर्ट करें. हम नहीं चाहते कि बीमारी फैले, लेकिन दहशत नहीं पैदा करें.’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस के अब तक कुल 28 मामलों का पता चला है. इनमें से कोई भी पश्चिम बंगाल से नहीं है. ममता ने कहा, ‘दिल्ली हिंसा में जो लोग मारे गये, वे कोरोना वायरस या किसी अन्य रोग से नहीं मरे. यदि उनकी मौत वायरस से हुई होती, तो हम कम से कम इतना जानते कि वे एक खतरनाक बीमारी के कारण मर गये. लेकिन स्वस्थ और खुशहाल लोगों की निर्दयतापूर्वक जान ले ली गयी.’

भाजपा या केंद्र का नाम लिये बगैर तृणमूल प्रमुख ने कहा कि उन्होंने माफी तक नहीं मांगी. उनके अहंकार के बारे में सोचिए. वे कह रहे हैं गोली मारो… मैं आगाह करती हूं कि बंगाल और दिल्ली एक जैसे नहीं हैं.’ ममता ने दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा के बाद सैकड़ों लोग लापता हैं और नालों से अब भी शव बरामद किये जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में बस गये बांग्लादेशी लोगों की नागरिकता के मुद्दे पर मंगलवार को मीडिया ने उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया. उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी नहीं कहा कि जो बांग्लादेशी इस देश में आये हैं, वे भारतीय नागरिक हैं. विभाजन के दौरान, पाकिस्तान से कई लोग हमारे देश में आये, पंजाब, गुजरात और दिल्ली में, और कई लोग बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) से बंगाल आये.’

ममता ने कहा, ‘इन (शरणार्थियों) के आने के बाद, नेहरू-लियाकत संधि पर हस्ताक्षर किये गये, जिसके तहत पाकिस्तान से भारत आने वालों को नागरिकता प्रदान की गयी. फिर 1971 में (बांग्लादेश) मुक्ति संग्राम के दौरान इंदिरा गांधी और शेख मुजीबुर रहमान के बीच एक संधि हुई थी, जिससे उस देश से आये शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गयी. मैं उनके बारे में बोल रही थी.’

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