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Kamada Ekadashi on April 1: शनिवार को शनि देव और भगवान विष्णु की पूजा करने से दूर होते हैं कुंडली से दोष

Kamada Ekadashi on April 1: शनिवार, 1 अप्रैल को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है. इसे कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रत करने वाले भक्तों की मनोकामना भगवान विष्णु की कृपा से पूरी होती है. इस साल एकादशी शनिवार के दिन पड़ रही है और इस दिन यदि आप शनि देव की पूजा करते हैं.

Kamada Ekadashi on April 1: शनिवार, 1 अप्रैल को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है. इसे कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रत करने वाले भक्तों की मनोकामना भगवान विष्णु की कृपा से पूरी होती है. इस साल एकादशी शनिवार के दिन पड़ रही है और इस दिन यदि आप शनि देव की पूजा करते हैं तो आपकी कुंडली के ग्रह दोष शांत हो सकते हैं और आपके जीवन से बाधाएं दूर हो सकती हैं.

क्या है मान्यता

एकादशी और शनिवार की युति के दिन काले तिल और तेल का दान करने का कहा गया है. मान्यता है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, उसका शुभ प्रभाव उस व्यक्ति के शेष जीवन पर बना रहता है. श्रीकृष्ण ने पांडव राजकुमार युधिष्ठिर को एकादशी व्रत के बारे में बताया था. स्कंद पुराण के वैष्णव खंड के एकादशी महात्म्य नामक अध्याय में वर्ष की सभी एकादशियों का वर्णन किया गया है. इस अध्याय में श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो एकादशी का व्रत करते हैं, उनके जीवन में सुख, शांति और सफलता आती है और वे सदा उनके साथ रहेंगे.

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एकादशी पर किए जाने वाले शुभ कार्य

  • एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके सूर्य को जल चढ़ाकर दिन की शुरुआत करें. इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें कुछ चावल और लाल फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. इसके बाद घर के मंदिर में पूजा-अर्चना की जाती है.

  • भक्तों को सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए. इसमें उन्हें गणपति को जल, पंचामृत और फिर जल अर्पित करना चाहिए. वे माला और फूल भी चढ़ाते हैं और नए कपड़े पहनते हैं, और पूजा करते समय श्री गणेशाय नमः मंत्र का जाप करते हैं.

  • गणेश की पूजा करने के बाद भक्त भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की पूजा करने का संकल्प लेते हैं. केसर मिश्रित दूध से देवता का अभिषेक करें और नए वस्त्र अर्पित करें, प्रवाह से सजाएं, चंदन से तिलक लगाएं, धूपबत्ती जलाएं और तुलसी के साथ मिठाई और मौसमी फलों का भोग लगाकर आरती करें. पूजा के बाद मांफी मांगें और प्रसाद बांटें और कुछ खुद भी ग्रहण करें. बाल गोपाल की भी इसी तरह पूजा करनी चाहिए.

  • एकादशी का व्रत करने वाले भक्तों को पूरे दिन भोजन नहीं करना चाहिए. यदि भूखे रहना संभव न हो तो फल, दूध और फलों के रस का सेवन किया जा सकता है. अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को सुबह पुन: विष्णु जी की पूजा करें और फिर जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और उसके बाद ही स्वयं भोजन करें.

  • कामदा एकादशी पर विष्णु जी की कथा का पाठ करें. विष्णु पुराण, श्रीमद्भगवद पुराण का पाठ किया जा सकता है. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र” का कम से कम 108 बार जाप करें.

Bimla Kumari
Bimla Kumari
I Bimla Kumari have been associated with journalism for the last 7 years. During this period, I have worked in digital media at Kashish News Ranchi, News 11 Bharat Ranchi and ETV Hyderabad. Currently, I work on education, lifestyle and religious news in digital media in Prabhat Khabar. Apart from this, I also do reporting with voice over and anchoring.

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