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झारखंड में 1932 का खतियान लागू होने पर JMM नेताओं ने निकाला जुलूस, देखें तस्वीरें

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने 1932 का खतियान (1932 Khatian) लागू कर दिया है. इस दौरान जमशेदपुर के गालूडीह में झामुमो नेताओं ने जुलूस निकालकर जश्न मनाया. इस जुलूस में विधायक रामदास सोरेन शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह झारखंड के लिए ऐतिहासिक फैसला है.

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झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने 1932 का खतियान लागू कर दिया है. इस दौरान जमशेदपुर के गालूडीह में झामुमो नेताओं ने जुलूस निकाल कर जश्न मनाया. इस जुलूस में विधायक रामदास सोरेन शामिल हुए. जहां विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि यह झारखंड के लिए ऐतिहासिक फैसला है. झारखंडियों को स्थान में लिखी परिभाषित होने पर वाजिब हक मिलेगा.

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1932 का खतियान (1932 Khatian) लागू होने पर जमशेदपुर के गालूडीह में समर्थन में ढोल नगाड़े के साथ जुलूस निकाल गया. विधायक रामदास सोरेन ने कहा कि यह निर्णय मील का पत्थर झारखंड के लिए साबित होगा. आने वाले समय में नाम झारखंडिओं को वाजिब हक मिलेगा. वहीं, जिसके पास 1932 का खतियान नहीं है वे घबराएं नहीं उसके लिए ग्राम सभा को भी अधिकार दिया गया है ताकि ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा सके.

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झारखंड कैबिनेट ने राज्य के पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान संबंधी संशोधन विधेयक के प्रारूप को भी मंजूरी दे दी है. वहीं, जमशेदपुर के गालूडीह के विधायक रामदास सोरेन ने ढोल-नगाड़े बजाकर जश्न मनाया.

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1932 खतियान लागू होने पर झामुमो नेताओं ने जुलूस निकालकर जश्न मनाया. अबीर गुलाल उड़ाते हुए जमकर आतिशबाजी भी की गई. वहीं, विधायक रामदास सोरेन ने सुभाष चौक पर माल्यार्पण किया.

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झारखंड में स्थानीय वही होंगे, जिनके पास 1932 का खतियान होगा. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य के स्थानीय निवासी की परिभाषा, पहचान व झारखंड के स्थानीय व्यक्तियों की परिणामी सामाजिक एवं अन्य लाभों के लिए विधेयक -2022 के गठन को मंजूरी दी गयी. इसके तहत ही झारखंड के स्थानीय की पहचान होगी. विधेयक के प्रस्ताव में प्रावधान किया गया है कि जिनके पूर्वजों का नाम 1932 या पूर्व के सर्वे खतियान में दर्ज है, वही स्थानीय होंगे.

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