18.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

हेमंत सरकार का ऐतिहासिक फैसला- 1932 का खतियानी ही झारखंडी, OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने कल 1932 का खतियान और ओबीसी के 27 आरक्षण पर मुहर लगा दी. इसके तहत जहां खतियान पठनीय नहीं होगा, वहां ग्राम सभा को खतियानी तय करने का अधिकार दिया गया है. अब इस विधेयक सदन से पारित कर भारत सरकार को नौंवी अनुसूची शामिल करने का आग्रह किया जाएगा.

रांची: झारखंड में स्थानीय वही होंगे, जिनके पास 1932 का खतियान होगा. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य के स्थानीय निवासी की परिभाषा, पहचान व झारखंड के स्थानीय व्यक्तियों की परिणामी सामाजिक एवं अन्य लाभों के लिए विधेयक -2022 के गठन को मंजूरी दी गयी. इसके तहत ही झारखंड के स्थानीय की पहचान होगी. विधेयक के प्रस्ताव में प्रावधान किया गया है कि जिनके पूर्वजों का नाम 1932 या पूर्व के सर्वे खतियान में दर्ज है, वही स्थानीय होंगे.

जहां खतियान पठनीय नहीं होगा, वहां ग्राम सभा को खतियानी तय करने का अधिकार दिया गया है. ग्रामसभा भाषा, रहन-सहन और परंपरा के आधार पर खतियान तय कर सकेगी. झारखंड कैबिनेट ने तय किया है कि इस विधेयक को सदन से पारित कराया जायेगा. विधेयक पारित होने पर भारत सरकार से इसे नौवीं सूची में शामिल करने का आग्रह किया जायेगा. कैबिनेट की बैठक के बाद कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने कहा कि जिन व्यक्ति या पूर्वज का नाम 1932 के सर्वे खतियान में दर्ज है, वही स्थानीय कहलायेगा.

27 फीसदी किया गया पिछड़ों के आरक्षण का प्रावधान : 

झारखंड कैबिनेट ने राज्य के पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान संबंधी संशोधन विधेयक के प्रारूप को भी मंजूरी दे दी है. श्रीमती डाडेल ने बताया कि कार्मिक प्रशासनिक सुधार ने झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण अधिनियम, 2001 (यथा संशोधित) में संशोधन हेतु विधेयक-2022 को मंजूरी दे दी है.

इसके तहत राज्य में आरक्षित कोटि का प्रतिशत 77 फीसदी कर दिया गया है. इसे लागू करने के लिए राज्य सरकार भारत सरकार से अनुरोध करेगी. संशोधन के तहत अनुसूचित जाति को राज्य में 12, अनुसूचित जनजाति को 28 तथा अन्य पिछड़ा वर्ग-एक को 15, अन्य पिछड़ा वर्ग-दो को 12 फीसदी आरक्षण दिया जायेगा.अार्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसदी का आरक्षण दिया जायेगा. लागू करने से पहले इसके लिए भी भारत सरकार से अनुरोध किया जायेगा.

किसे कितने फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव

वर्ग पहले अब

एससी 10 12

एसटी 26 28

ओबीसी 14 27

इडब्ल्यूएस 10 10

(नोट : आंकड़ा प्रतिशत में)

स्थानीय व आरक्षण नीति को सदन से पास कर केंद्र को भेजा जायेगा

राज्य गठन के बाद से ही स्थानीय नीति और आरक्षण नीति कानूनी विवाद का विषय बना रहा है. दोनों ही मुद्दों पर कानूनी लड़ाई में हार के बाद अब सरकार ने इसे लागू करने के लिए नया तरीका अपनाया है. सरकार ने इसे कानून बनाकर अधिसूचना के सहारे राज्य में लागू करने के बदले उसे भारत सरकार को भेज कर संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की अनुशंसा करने का फैसला किया है. इस नीति को किसी तरह की कानूनी विवाद से बचाने के लिए इसे लागू करने के बदले केंद्र से इसे नौंवी अनुसूची में डालने का अनुरोध करने का फैसला किया गया है.

Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel