अस्पताल में भरती रोगी तथा उनके परिजनों का कहना है कि रात होते ही टीन के बने छत पर आवाज आनी शुरू हो जाती है. रात 11 बजे के बाद तो यहां रहना मुश्किल है. कई बार दरवाजों को बंद करने तथा पर्दे खींचे जाने की भी घटना घटी है. इस प्रकार की शिकायत मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से मयनागुड़ी थाने में एक शिकायत भी दर्ज करायी गई है. पुलिस भी कई बार यहां आ चुकी है, लेकिन किसी को पकड़ पाना संभव नहीं हुआ है. इसी वजह से अस्पताल में भरती होने वाले मरीज डरे रहते हैं. रोगियों का कहना है कि रात के समय वार्ड के अंदर रहने में काफी डर लगता है.
अचानक टीन पर धूपधड़ाम की आवाज शुरू हो जाती है. कभी-कभी लगता है कि कोई वार्ड में चल रहा है. कई मरीजों ने परछायी देखने की भी शिकायत की. पहले रोगियों के परिजनों ने अपने स्तर पर इसकी छानबीन शुरू की. लेकिन किसी को नहीं पकड़ पाये. अब आलम यह है कि अस्पताल के कुछ कर्मचारी तथा स्थानीय एम्बुलेंस चालक रात को मिलकर यहां पहरेदारी करते हैं.
मयनागुड़ी ब्लॉक के स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संदीप बाग ने कहा है कि इस प्रकार की घटना से रोगियों के साथ ही अस्पताल के कर्मचारियों में भी आतंक है. पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी गई है. अस्पताल के पास अपना कोई सिक्यूरिटी गार्ड नहीं है. इसी वजह से निगरानी रखने में परेशानी होती है. खासकर इस तरह की शिकायत महिला वार्ड में देखने को मिल रही है. कोई शैतानी भी कर सकता है. मयनागुड़ी थाना के आइसी ने बताया है कि शिकायत मिलने के बाद ही अस्पताल परिसर में पुलिस की पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है. जो भी ऐसा कर रहा होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.