सिलीगुड़ी. मुसलमानों के बाद अब इसाइयों ने भी हिल मायनोरोटी डेवलपमेंट बोर्ड के वहिष्कार की घोषणा की है और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपना फैसला बदलने कि लिए कहा है. इसके साथ पहाड़ पर नवगठित हिल मायनोरोटी डेवलपमेंट बोर्ड को लेकर विवाद गहरा गया है. पहाड़ के सभी अल्प संख्यकों को एक ही बोर्ड में रखकर विकास की गति को जारी रखने के फैसले का पहले मुसलमानों और अब ईसायों ने विरोध किया है.
इसके साथ ही तराई व डुवार्स के इसाइयों के लिये अलग से विकास बोर्ड बनाने की मांग फिर से उठायी गयी है. ऑल क्रिश्यचन मायनोरिटी एसोसिएशन के प्रवक्ता ए.क. राइ ने कहा कि हम मुख्यमंत्री के फैसले का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन उन्हें हमारे लिये एक अलग विकास बोर्ड का गठन करना होगा. यहां उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा गठित बोर्ड के मुख्य पदों को लेकर विवाद शुरू चल रहा है.
हाल ही में पहाड़ दौरे पर आयीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहाड़ कुछ अन्य जातियों के साथ ही पहाड़े अल्पसंख्यकों को लेकर एक बोर्ड बनाने की घोषणा की थी. इस बोर्ड में इसाइ, मारवाड़ी, मुसलमान व पहाड़ के अन्य अल्पसंख्यक जाति को रखने का प्रस्ताव रखा गया है. इस बोर्ड में अध्यक्ष किसी इसाइ व उपाध्यक्ष किसी मुसलमान को बनाने का प्रस्ताव है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पदों को लेकर विभिन्न धर्मावलंबियों के बीच विवाद है.
इसको लेकर पहाड़ की राजनीति गरमा गयी है. शुक्रवार को बोर्ड में शामिल मुस्लिम संप्रदाय ने भी इसके वहिष्कार की घोषणा की थी. शनिवार को सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ऑल क्रिश्यचन मायनोरिटी एसोसिएशन के प्रवक्ता श्री राई ने बताया कि इस बोर्ड में इसाइ संप्रदाय का रहना उचित नहीं. तराई व डुआर्स मिलाकर हमारी संख्या करीब तीन लाख से अधिक है. मुख्यमंत्री से इसाइयों के लिये अलग से विकास बोर्ड बनाने का अनुरोध है. इस मौके पर संगठन के उपाध्यक्ष तरूण राइ, महासचिव रोशन डी लामा व अन्य सदस्य भी उपस्थित थे.