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कैशलेस सिस्टम से कारोबारी कर रहे हैं बल्ले-बल्ले

सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल राज्य सरकार की ओर से सिलीगुड़ी के कंचनजंघा स्टेडियम में आयोजित हस्तशिल्प मेला हाइटेक हो गया है. एक ओर जहां राज्य की तृणमूल सरकार की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नोटबंदी के खिलाफ दिल्ली में आंदोलन कर रही है, वहीं राज्य सरकार के ही लघु व हस्तशिल्प उद्योग मंत्रालय की ओर से आयोजित हस्तशिल्प […]

सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल राज्य सरकार की ओर से सिलीगुड़ी के कंचनजंघा स्टेडियम में आयोजित हस्तशिल्प मेला हाइटेक हो गया है. एक ओर जहां राज्य की तृणमूल सरकार की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नोटबंदी के खिलाफ दिल्ली में आंदोलन कर रही है, वहीं राज्य सरकार के ही लघु व हस्तशिल्प उद्योग मंत्रालय की ओर से आयोजित हस्तशिल्प मेले कैशलेस पद्धति को अपना लिया गया है. कैशलेस का काफी लाभ भी व्यवसायियों को मिल रहा है. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अधिक व्यवसाय होने की संभावना मेला कमिटी को है.
उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी कंचनजंघा स्टेडियम के मेला ग्राउंड में 23 दिसंबर से 8 जनवरी तक इस मेले का आयोजन किया गया है. राज्य के सभी जिले के व्यवसायियों ने इसमें हिस्सा लिया है. मेला प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार इस बार के मेले में कुल 25 स्टॉल लगे हैं. पूरे राज्य से करीब 755 व्यवसायियों ने इस मेले में भाग लिया है. विभिन्न जिलों के हस्तशिल्प कारीगर अपने जिले की प्रसिद्ध वस्तुओं को इस मेले के माध्यम से प्रदर्शित कर रहे हैं. यहां यह भी बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते आठ नवंबर को पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट को रद्द कर दिया है. इसके बाद से विरोधी राजनीतिक पार्टियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नोटबंदी के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रही हैं.

दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा ही आयोजित हस्तशिल्प मेले में आये व्यवसायी नोटबंदी, डिजिटल इंडिया और कैशलेस का समर्थन कर रहे हैं. एक भी व्यवसायियों ने नोटबंदी से परेशानी की बात नहीं की. दुर्गापुर के व्यवसायी सुमन दे ने बताया कि तकनीक के बारे में उन्हें अधिक कुछ पता नहीं लेकिन ग्राहकों की सुविधा के लिये उन्होंने अपने स्टॉल में पेटीएम व ऑनलाईन ट्रांजेक्शन की व्यवस्था रखी है. नोटबंदी से उनके व्यवसाय पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. 23 दिसंबर से अबतक का व्यवसाय अच्छा ही रहा है. उत्तर चौबीस परगना के मध्यमग्राम से पहुंचे प्रदीप दास ने बताया कि ग्राहकों की सुविधा के लिये उन्होंने भी कैशलेस पद्धति को अपना लिया है. इससे उन्हें कोई खास परेशानी नहीं हो रही है. बस यही है कि नगद रूपया हाथ में कम आ रहा है.

मेला प्रबंधन कमेटी की ओर से प्रीतिकन्या कर ने बताया कि समय के साथ चलने में ही भलाई है. देश कैशलेस की ओर अग्रसर है. इसको ध्यान में रखते हुए मेले में केशलेस की पूरी व्यवस्था की गयी है. उन्होंने बताया कि कई व्यवसासियों ने तो पेटीएम की व्यवस्था कर रखी है. इसके अतिरिक्त मेला प्रबंधन की ओर से क्रेडिट व डेबिट कार्ड के लिये दो काउंटर खोले गये हैं. श्रीमती कर ने बताया कि कोई भी किसी भी स्टॉल से अपनी मनचाही वस्तु खरीदकर इन काउंटरों पर अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर सकता है. मेले में उपस्थित प्रत्येक व्यवसायी का बैंक खाता नंबर रखा गया है, रूपया सीधे उनके खाते में भेजने की व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि वैसे तो प्रति दिन बीस हजार से लेकर चालीस हजार तक ऑनलाईन खरीददारी हो रही है. लेकिन 25 दिसंबर बड़ा दिन के अवसर पर कुल 1 लाख 44 हजार रूपये की ऑनलाईन खरीदारी की गयी है. नोटबंदी से इस मेले पर कोई खास असर नहीं दिख रहा है. आशा है कि इस वर्ष का व्यवसाय पिछले वर्ष की अपेक्षा अच्छा होगा.

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