सिलीगुड़ी. कोलकाता के एक स्कूल में छात्र को डेंगू होने के मामले ने सिलीगुड़ी नगर निगम को सतर्क कर दिया है. सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाकों में स्थित स्कूलों में यह बीमारी घर न कर ले, इसके लिए नगर निगम ने आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस क्रम में सभी स्कूलों को नोटिस […]
सिलीगुड़ी. कोलकाता के एक स्कूल में छात्र को डेंगू होने के मामले ने सिलीगुड़ी नगर निगम को सतर्क कर दिया है. सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाकों में स्थित स्कूलों में यह बीमारी घर न कर ले, इसके लिए नगर निगम ने आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस क्रम में सभी स्कूलों को नोटिस भेजने का निर्णय लिया गया है. यह जानकारी साफ-सफाई विभाग के मेयर पार्षद मुकुल सेनगुप्ता ने दी.
वह नगर निगम स्थित अपने कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे. श्री सेनगुप्ता ने बताया कि सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में स्थित स्कूलों की एक सूची बनायी जा रही है. इन स्कूलों को साफ-सफाई पर जोर देने के लिए कहा जायेगा. बीमारी फैले इससे पहले ही एहतियाती उपाय करना सबसे अधिक आवश्यक है. कई स्कूलों में उपयुक्त रूप से साफ-सफाई नहीं होने खासकर शौचालयों में बड़े पैमाने पर गंदगी होने की शिकायतें मिलती रहती हैं. सभी स्कूलों को स्कूल परिसर तथा इसके आसपास में साफ-सफाई करने के साथ ही शौचालयों की सफाई पर विशेष जोर देने के लिए कहा जायेगा. नगर निगम के सेनिटरी इंस्पेक्टर भी विभिन्न स्कूलों का औचक निरीक्षण कर साफ-सफाई का जायजा लेंगे.
श्री सेनगुप्ता ने कहा कि साफ-सफाई में मदद के लिए नगर निगम भी तैयार है. लेकिन इसके लिए स्कूलों को पहले से ही नगर निगम से सहायता मांगनी होगी. यदि कोई स्कूल साफ-सफाई के मामले में नगर निगम की सेवा लेना चाहता है, तो निगम कर्मी इस काम में उनकी मदद करेंगे. यहां उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास का इलाका मच्छरवाही रोगों से प्रभावित इलाकों में शुमार है. जापानी इंसेफलाइटिस, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि जैसी बीमारियां यहां बड़े पैमाने पर फैलती हैं.
पिछले साल भी दो लोगों को डेंगू ने जकड़ लिया था. इसके अलावा सात अन्य लोग डेंगू के लक्ष्ण को लेकर अस्पताल में भरती हुए थे. हालांकि बाद में जांच के दौरान इनके रक्त में डेंगू के जीवाणु नहीं पाये गये. ऐसे पिछले कुछ वर्षों के दौरान सिलीगुड़ी तथा इसके आसपास के इलाकों में डेंगू, मलेरिया, इसेफलाइटिस बुखार आदि बीमारियों के मामले में कमी भी आयी है.
एमआइसी मुकुल सेनगुप्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने जो आंकड़े दिये हैं उसके अनुसार इस प्रकार के मामले काफी कम हो रहे हैं और नगर निगम के लिए राहत की सबसे बड़ी बात यही है. इस बीमारी के मामले में कमी आयी है. लगातार जागरूकता अभियान चलाये जाने का ही यह असर है.
एक आंकड़ा देते हुए उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफलाइटिस आदि जैसे संक्रामक बीमारियों के 1094 मामले सामने आये थे. उसके बाद से आंकड़े में लगातार कमी आ रही है. 2014 में मात्र 159 मामले ही सामने आये. वर्ष 2015 में यह संख्या घटकर 33 हो गई. जाहिर है बड़े पैमाने पर जेइ का टीकाकरण तथा जागरूकता अभियान के कारण यह सफलता मिली है. इसी वजह से कोलकाता में डेंगू के मामले सामने आने के बाद अभी से ही नगर निगम ने एहतियाती कदम उठाने का निर्णय लिया है.