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शहीद की कुरबानी भूले पुलिस वाले, परिवार से की जबरन वसूली

सिलीगुड़ी. देश की रक्षा के लिए मर मिटने वाले एक जवान के परिवार वालों के साथ सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के बागडोगरा थाना पुलिस द्वारा बदतमीजी करने और अवैध रूप से पैसे मांगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. वह भी तब जब शहीद के परिवार वाले अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बिहार के […]

सिलीगुड़ी. देश की रक्षा के लिए मर मिटने वाले एक जवान के परिवार वालों के साथ सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के बागडोगरा थाना पुलिस द्वारा बदतमीजी करने और अवैध रूप से पैसे मांगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. वह भी तब जब शहीद के परिवार वाले अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बिहार के सीतामढ़ी से सिलीगुड़ी आ रहे थे. परिवार में शहीद की पत्नी, पिता,भाई तथा परिवार के अन्य सदस्य शामिल थे.

इन सभी को बागडोगरा थाना पुलिस के एक अधिकारी तथा अन्य पुलिस वालों ने ढाई घंटे तक रोके रखा.परिवार वालों ने बेटे के देश के लिए शहीद होने की दुहाई दी और सबकुछ रो-रो कर बताया, उसके बाद भी पुलिस वालों पर कोई असर नहीं हुआ. पुलिस वाले ओवरलोडिंग की दुहाई देकर शहीद के परिवार वालों से ढाई हजार रुपये की मांग कर रहे थे. बाद में एक हजार रुपये देकर सभी ने अपनी जान छुड़ाई. यह सनसनीखेज आरोप बिहारी कल्याण मंच की ओर से लगाया गया है.

संगठन की ओर से गणेश त्रिपाठी और विपिन बिहारी गुप्ता मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. यहां उल्लेखनीय है कि सिलीगुड़ी नगर निगम के 40 नंबर वार्ड स्थित दुर्गानगर इलाका निवासी बीएसएफ के जवान दिनेश गिरि शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गये थे.

रविवार की दोपहर एक बजकर 40 मिनट पर तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर बागडोगरा हवाई अड्डे पर लाया गया. बीएसएफ के जवान व अधिकारियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद उन्हें सालूगाड़ा बीएसएफ छावनी ले जाया गया. जहां बीएसएफ के आला अधिकारियों ने उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी और बाद में शहीद का अंतिम संस्कार कर दिया गया. गौरतलब है कि शुक्रवार को श्रीनगर की ओर जा रहे बीएसएफ के एक काफिले पर आतंकी हमला हुआ था. यह हमला श्रीनगर से पचास किलोमीटर दूर अनंनतनाग जिला स्थित गोरीवान इलाके के बिजबेहरा बाजार के नजदीक हुआ. हमले की जिम्मेदारी हिजबुल मुजाहिद्दीन नामक आतंकी संगठन ने स्वीकार किया है. इस हमले में बीएसएफ के तीन जवान शहीद हो गये थे. जिसमें दिनेश गिरि भी शामिल थे.
बिहारी कल्याण मंच की ओर से संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री गुप्ता ने बताया कि शहीद की पत्नी सरिता के अलावा इनके दो बेटे रविकांत और रोहन के साथ उनके 70 वर्षीय पिता राम इकबाल गिरि भी बिहार के सीतामढ़ी से सिलीगुड़ी आ रहे थे. यह सभी लोग मूल रूप से बिहार के ही रहने वाले हैं.

जैसे ही इन लोगों को इस बात की जानकारी मिली सभी लोग एक इनोवा वाहन में सवार होकर सिलीगुड़ी आने लगे. बागडोगरा के बिहार मोड़ पर वाहन को रोक लिया गया और गाड़ी में अधिक सवारी होने की बात कहकर पुलिस वाले पैसे की मांग करने लगे. श्री गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि परिवार वालों ने मौके पर उपस्थित पुलिस अधिकारी को पूरी जानकारी दी और कहा कि शहीद जवान के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सभी लोग जा रहे हैं,इसलिए छोड़ दें. लेकिन उन्होंने कुछ भी नहीं किया.

आखिरकार एक हजार रुपये देकर आगे के लिए रवाना हुए.श्री गुप्ता ने कहा कि शहीद के परिवार वालों के साथ पुलिस का यह बर्ताव किसी भी कीमत पर बरदाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाही कर तत्काल उन्हें निलंबित करने की मांग की. उन्होंने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी हस्तक्षेप की मांग की है.उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में इंसाफ की गुहार लगायेंगे.

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