देवीडांगा-कोलाबाड़ी की रहनेवाली एक महिला मीनू थापा ने बताया कि कुएं के सूख जाने के कारण इस इलाके के करीब 70-80 परिवार के लोग इकलौते चापाकल पर निर्भर हैं. इस चापाकल पर हमेशा लोगों की भीड़ लगी रहती है. गंगा मंडल ने बताया कि आयरनयुक्त पानी लोग केवल खाना बनाने या नहाने में ही इस्तेमाल नहीं करते, बल्कि अब इसे पीने के लिए भी मजबूर हैं. इस इलाके में पेयजल आपूर्ति की समुचित व्यवस्था नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि पीएचई विभाग द्वारा अन्य क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था की गयी है, लेकिन कोलाबाड़ी इलाके में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है. लोगों ने बताया कि इस इलाके की सबसे निकटतम नदी गुलमाखोला महानंदा नदी है. लेकिन नदी में दिन-रात अवैध खनन की वजह से नदी गड्ढे में तब्दील हो गयी है और जलस्तर काफी नीचे चला गया है. लक्ष्मी दास का कहना है कि अवैध खनन की वजह से ही पूरे इलाके में कुएं सूख गये हैं और पानी के लिए हाहाकार मच गया है.
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चंपासारी ग्राम पंचायत में पेयजल के लिए हाहाकार
सिलीगुड़ी. ज्यों-ज्यों सिलीगुड़ी में तापमान का पारा बढ़ता जा रहा है, त्यों-त्यों शहर व आस-पास के क्षेत्रों में पानी संकट गहराता जा रहा है. पानी की सबसे अधिक समस्या सिलीगुड़ी से सटे चंपासारी ग्राम पंचायत क्षेत्र के चंपासारी, देवीडांगा, कोलाबाड़ी, मिलनमोड़, नयाबस्ती, कलाईबाड़ी, लालचंद घाट, गुलमा इलाके में देखी जा रही है. पानी को लेकर […]
सिलीगुड़ी. ज्यों-ज्यों सिलीगुड़ी में तापमान का पारा बढ़ता जा रहा है, त्यों-त्यों शहर व आस-पास के क्षेत्रों में पानी संकट गहराता जा रहा है. पानी की सबसे अधिक समस्या सिलीगुड़ी से सटे चंपासारी ग्राम पंचायत क्षेत्र के चंपासारी, देवीडांगा, कोलाबाड़ी, मिलनमोड़, नयाबस्ती, कलाईबाड़ी, लालचंद घाट, गुलमा इलाके में देखी जा रही है. पानी को लेकर ग्रामीणों में हाहाकार मचा है. खाना बनाने, नहाने से लेकर पीने के पानी तक के लिए लोग तरस रहे हैं. एक ग्रामीण महिला कुसुम साहा का कहना है कि अधिकतर घरों के कुएं सुख चुके हैं या सूखने के कगार पर हैं.
देवीडांगा-कोलाबाड़ी की रहनेवाली एक महिला मीनू थापा ने बताया कि कुएं के सूख जाने के कारण इस इलाके के करीब 70-80 परिवार के लोग इकलौते चापाकल पर निर्भर हैं. इस चापाकल पर हमेशा लोगों की भीड़ लगी रहती है. गंगा मंडल ने बताया कि आयरनयुक्त पानी लोग केवल खाना बनाने या नहाने में ही इस्तेमाल नहीं करते, बल्कि अब इसे पीने के लिए भी मजबूर हैं. इस इलाके में पेयजल आपूर्ति की समुचित व्यवस्था नहीं है. ग्रामीणों का कहना है कि पीएचई विभाग द्वारा अन्य क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था की गयी है, लेकिन कोलाबाड़ी इलाके में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है. लोगों ने बताया कि इस इलाके की सबसे निकटतम नदी गुलमाखोला महानंदा नदी है. लेकिन नदी में दिन-रात अवैध खनन की वजह से नदी गड्ढे में तब्दील हो गयी है और जलस्तर काफी नीचे चला गया है. लक्ष्मी दास का कहना है कि अवैध खनन की वजह से ही पूरे इलाके में कुएं सूख गये हैं और पानी के लिए हाहाकार मच गया है.
पानी की समस्या का जल्द होगा निपटारा : प्रधान
पानी का संकट नहीं रहेगा. जल्द समस्या का निपटारा कर दिया जायेगा. इसके लिए प्राथमिक स्तर पर काम शुरू कर दिया गया है. यह कहना है चंपासारी ग्राम पंचायत की प्रधान संगीता चिक बराइक का. उन्होंने बताया कि पानी संकट दूर करने के लिए सभाधिपति एवं पीएचई को भी सूचित कर दिया गया है. स्थिति से निपटने के लिए कल यानी बुधवार को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों एवं पंचायत सदस्यों के साथ मीटिंग भी की गयी. मीटिंग के दौरान आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. सूख रहे कुंओं में वापस पानी आ सके इसके लिए मरम्मत करने को कहा गया है. वहीं, पीएचई को जलापूर्ति दूरुस्त करने एवं नियमित रूप से करने का निर्देश दिया गया है.
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