कोलकाता: राज्य सरकार की ओर से जब से छह फीसदी डीए देने की घोषणा हुई है, तब से सरकारी कर्मचारियों के एक तबके ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. सरकारी कर्मचारियों ने अब आंदोलन करने का फैसला किया है, इसलिए इनके आंदोलन को दबाने के लिए राज्य सरकार विभिन्न सरकारी कर्मचारी यूनियनों के नेताओं को सुदूर ट्रांसफर करने की प्रक्रिया तेज कर दी है.
शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से वित्त विभाग में कार्य करनेवाले संदीप दासगुप्ता को दाजिर्लिंग ट्रांसफर करने की नोटिस थमा दिया गया. इससे पहले भी समीर मजुमदार नामक एक नेता को दाजिर्लिंग भेजा जा चुका है. इस संबंध में नव पर्याय के नेता अरुण सेनगुप्ता ने बताया कि राज्य सरकार का यह रवैया बर्दाश्त करने लायक नहीं है.
किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा अगर सरकार की गलत नीतियों का विरोध किया जा रहा है तो सजा के रूप में उसका तबादला कर दिया जा रहा है. राज्य सरकार यहां के सरकारी कर्मचारियों का हक मार रही है. सरकारी कर्मचारियों का नियम के अनुसार 38 फीसदी डीए बढ़ना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार डीए में मात्र छह फीसदी की वृद्धि कर रही है.