उल्लेखनीय है कि हाल में प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय से लेकर कलकत्ता विश्वविद्यालय में नियुक्ति व राज्यपाल की जगह शिक्षा मंत्री को रिपोर्ट देने को लेकर विवाद पैदा हुआ है. शिक्षाविद आनंददेव मुखर्जी ने कहा कि जब सरकार सभी जगह अपना अधिकार समझती है, तो ऐसी स्थिति में स्वाधिकार की बात ही कहां आती है.
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शिक्षण संस्थानों में सरकार के हस्तक्षेप पर उठा विवाद
कोलकाता: राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के बयान पर शिक्षा जगत में विवाद खड़ा हो गया है. श्री चटर्जी ने राज्य सरकार की ओर से शिक्षण संस्थानों में सरकार के हस्तक्षेप के मुद्दे पर आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों के स्वाधिकार को लेकर भ्रांति फैलायी जा रही है. कॉलेजों में मारपीट […]
कोलकाता: राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के बयान पर शिक्षा जगत में विवाद खड़ा हो गया है. श्री चटर्जी ने राज्य सरकार की ओर से शिक्षण संस्थानों में सरकार के हस्तक्षेप के मुद्दे पर आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों के स्वाधिकार को लेकर भ्रांति फैलायी जा रही है.
कॉलेजों में मारपीट हो, कानून व्यवस्था की स्थिति हो या आर्थिक अनियमतिता का मामला हो और ये विषय राज्य सरकार के अधीन का हों, तो राज्य सरकार चुप नहीं बैठ सकती है. सरकार को हस्तक्षेप करना ही होगा, लेकिन जहां तक शिक्षा और शिक्षा व्यवस्था की बात हो, ऐसी स्थिति में राज्य सरकार विश्वविद्यालयों के स्वाधिकार का सम्मान करती है.
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