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तीन संगठनों का होगा विलय

सिलीगुड़ी: चाय श्रमिकों की वेतन वृद्धि एवं नया वेतन समझौता लागू करने की मांग को लेकर आंदोलनरत 24 ट्रेड यूनियन संगठनों के संयुक्त फोरम को टक्कर देने की तैयारी तृणमूल कांग्रेस ने भी कर ली है. उत्तर बंगाल के विभिन्न चाय बागानों में तृणमूल कांग्रेस के तीन ट्रेड यूनियन काम कर रहे हैं. अब इन […]

सिलीगुड़ी: चाय श्रमिकों की वेतन वृद्धि एवं नया वेतन समझौता लागू करने की मांग को लेकर आंदोलनरत 24 ट्रेड यूनियन संगठनों के संयुक्त फोरम को टक्कर देने की तैयारी तृणमूल कांग्रेस ने भी कर ली है. उत्तर बंगाल के विभिन्न चाय बागानों में तृणमूल कांग्रेस के तीन ट्रेड यूनियन काम कर रहे हैं. अब इन तीनों ट्रेड यूनियनों को आपस में विलय कराने का निर्णय लिया गया है.

आईएनटीटीयूसी अनुमोदित इन तीनों ट्रेड यूनियनों के विलय को लेकर एक बैठक कल 9 तारीख को कोलकाता में होनी है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, आईएनटीटीयूसी अध्यक्ष दोला सेन तथा तृणमूल कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे. नये संगठन का नाम नेशनल प्लांटनेशन वर्कर्स यूनियन करने का प्रस्ताव है. तृणमूल टी प्लांटेशन वर्कर्स यूनियन के नेता आलोक मजूमदार ने भी इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है कि चाय श्रमिकों के वेतन समझौते को शीघ्र लागू करने को लेकर राज्य सरकार काफी गंभीर है. लेकिन संयुक्त फोरम के नेताओं के अड़ियल रवैये के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है. उन्होंने राज्य सरकार से इस मुद्दे के शीघ्र समाधान कर नया वेतन समझौता लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस समस्या के समाधान को लेकर कमेटी बनाना चाहती है.

असम के चाय बागानों में कार्यरत श्रमिकों की मजदूरी समस्या के समाधान को लेकर एक कमेटी बनायी गयी है. इसी तरह की कमेटी राज्य सरकार भी बनाना चाहती है, लेकिन इसमें संयुक्त फोरम के नेता बाधा दे रहे हैं. इस बीच, आईएनटीटीयूसी नेताओं ने विभिन्न चाय बागानों में अपने संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया है. एक बार तीनों संगठनों के आपस में विलय हो जाने के बाद विभिन्न चाय बागानों में संगठन का विस्तार किया जायेगा. यहां उल्लेखनीय है कि चाय श्रमिकों की वेतन समझौते संबंधी मियाद पिछले वर्ष 31 मार्च को ही समाप्त हो चुकी है.

तब से लेकर अब तक करीब एक वर्ष होने को चला है नया वेतन समझौता कर पाना अब तक संभव नहीं हुआ है. इस मुद्दे को लेकर चाय श्रमिक यूनियन संगठन के नेताओं, बागान मालिकों और राज्य सरकार के बीच कई बार त्रिपक्षीय वार्ता हो चुकी है. फिर भी इस समस्या का समाधान नहीं निकला है. वेतन वृद्धि तथा नया वेतन समझौता लागू करने की मांग को लेकर संयुक्त फोरम के नेता लगातार आंदोलन कर रहे हैं. हाल ही में सभी चाय बागानों में श्रमिकों ने अपनी मांगों को लेकर 48 घंटे का रिले अनशन भी किया था. संयुक्त फोरम द्वारा इस दिशा में लगातार आंदोलन के कारण तृणमूल नेताओं की परेशानी बढ़ गई है. चाय बागानों में विरोधियों के दबदबे को कम करने के लिए तीनों चाय संगठनों को आपस में मिलाने का निर्णय लिया गया है.

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