सिलीगुड़ी: सिलगुड़ी अदालत परिसर में नये कोर्ट भवन के निर्माण की मांग को लेकर वकीलों ने सिलीगुड़ी अदालत में दूसरे दिन भी कोई काम-काज नहीं किया. सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन के बैनरतले वकीलों का सीजवर्क आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा.
इस दौरान एसोसिएशन के सदस्यों ने अदालत परिसर में धरना-प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के सचिव चंदन दे ने अपने वक्तव्य में कहा कि अदालत परिसर में नये कोर्ट के भवन निर्माण को लेकर राज्य सरकार ने करीब ढाई साल पहले अदालत की एक पुरानी इमारत को तोड़ दिया था.
इसके बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश जयनारायण पटेल ने 31 मार्च, 2012 को यहां पर नये कोर्ट भवन निर्माण का शिलान्यास किया था, जिसका कार्य आज तक शुरू ही नहीं हुआ. बार काउंसिल ऑफ वेस्ट बंगाल के कार्यकारी अध्यक्ष अरुण सरकार ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सिलीगुड़ी शहर को महानगर में तब्दील कर दिया और पांच थानों को मिलाकर मेट्रोपोलिटन पुलिस गठित कर दिया . इसके बाद सरकार ने यहां सिटी सेशन कोर्ट के निर्माण किये जाने की घोषणा की थी, इसके लिए मल्लागुड़ी में हिमूल एवं माटीगाड़ा के हिमाचल विहार की जमीन को चिन्हित भी किया गया था, लेकिन आज तक इस ओर सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखायी. सरकार के नुमाइंदों द्वारा की गई बड़ी-बड़ी बातें आज केवल शिलान्यास व घोषणाओं तक ही सीमित रह गई है.
सिलीगुड़ी नगर निगम की पूर्व मेयर एवं वरिष्ठ अधिवक्ता गंगोत्री दत्त ने कहा कि कोर्ट के नये भवन के निर्माण की मांग एवं राज्य सरकार के खिलाफ यह आंदोलन शनिवार तक जारी रहेगा. कल भी सिलीगुड़ी अदालत में वकीलों द्वारा कोई काम-काज नहीं किया जायेगा. इस आंदोलन के बावजूद भी अगर सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती है तो सिलीगुड़ी बार एसोसिएशन की आरे से बृहत आंदोलन किया जायेगा.