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केंद्रीय गृह सचिव संग बैठक, विमल गुट का दावा, पूजा के बाद त्रिपक्षीय वार्ता का मिला आश्वासन
कालिम्पोंग : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (विमल गुरुंग गुट) के प्रतिनिधिदल और केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा के बीच शुक्रवार को बैठक हुई. राजधानी नयी दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में दोपहर बाद बैठक हुई, जिसमें गोजमुमो की टोली का नेतृत्व नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष लोपसांग लामा ने किया. लोपसांग लामा के हस्ताक्षर से जारी पार्टी की प्रेस […]
कालिम्पोंग : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (विमल गुरुंग गुट) के प्रतिनिधिदल और केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा के बीच शुक्रवार को बैठक हुई. राजधानी नयी दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक में दोपहर बाद बैठक हुई, जिसमें गोजमुमो की टोली का नेतृत्व नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष लोपसांग लामा ने किया. लोपसांग लामा के हस्ताक्षर से जारी पार्टी की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि बैठक में गोजमुमो ने कालिम्पोंग, दार्जिलिंग, तराई व डुआर्स क्षेत्र के लोगों की काफी पुरानी विचाराधीन मांग का स्थायी राजनैतिक समाधान निकालने पर जोर दिया गया.
इस पर गृह सचिव ने पूजा के बाद त्रिपक्षीय वार्ता बुलाये जाने का आश्वासन दिया है. साथ ही उन्होंने दार्जिलिंग व अन्य जगहों में जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा कानून के दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए जल्द ही फैक्ट फाइडिंग टीम (तथ्य संग्रह दल) भेजने का आश्वासन दिया है.
प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रतिनिधि टोली ने केंद्रीय गृह सचिव से निरंतर वार्ता के माध्यम से गोरखालैंड प्राप्ति की मांग का स्थायी समाधान निकालने की बात कही. इसके लिए भारत सरकार, पश्चिम बंगाल सरकार और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बीच त्रिपक्षीय वार्ता बुलाने की मांग भी की गयी. लगभग एक घंटे तक चली बैठक में गोजमुमो टोली ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों को गोरखालैंड की मांग के ऐतिहासिक तथ्यों से अवगत कराया और दागोपाप व जीटीए जैसे व्यवस्थाओं के असफल बनने के कारण बताये. इसी के साथ इस मसले का स्थायी राजनैतिक समाधान निकालने की मांग रखी गयी.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि बैठक के दौरान गोरखा समुदाय की 11 जातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिये जाने की मांग भी रखी गयी. बताया गया कि 1931 में भारत में रहनेवाले गोरखा को ‘हिल ट्राइब’ की मान्यता मिली हुई थी. इस विषय में गृह सचिव ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में उक्त 11 जातियों को अनुसूचित जनजाति की मान्यता प्रदान करने का विधेयक पेश करेगी.
प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, बैठक में केंद्रीय गृह सचिव को बताया गया कि 2009 एवं 2014 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में गोरखालैंड के मसले का हल निकालने की बात कही थी. गोजमुमो टोली ने दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, तराई एवं डुआर्स को लेकर गोरखालैंड राज्य गठन की आर्थिक, प्रशासनिक एवं राजनैतिक सम्भाव्यता तलाशने के लिए एक कमेटी गठन की मांग भी की.
बैठक में दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, तराई एवं डुआर्स की जनता के अघोषित पुलिस राज में रहने की बात कही गयी.
कहा गया कि अगर पिछले साल के आंदोलन में दर्ज किये गये सभी मुकदमे 15 दिनों में उठा लिये जायें तो शांतिपूर्ण वार्ता का रास्ता खुल जायेगा. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के संवेदनशील भौगोलिक दृष्टिकोण के आधार पर बम धमाकों और हथियारों की बरामदगी की घटनाओं की जांच एनआइए को हस्तांतरित की जाये. आंदोलनकाल में मृत 11 गोरखालैंड समर्थकों व एक पुलिसकर्मी की हत्या की जांच भी केंद्र की देखरेख में हो.
वार्ता में गोजमुमो (विमल गुट) की टोली में लोपसांग लामा के अलावा कर्नल (सेवानिवृत्त) रमेश आले, कालिम्पोंग की विधायक सरिता राई, आर मोक्तान, उर्मिला रुम्बा, वंदना योंजन, मीनू भुटिया, विशाल छेत्री, विशाल लामा, आनंद भंडारी आदि शामिल थे.
विमल ने लोपसांग लामा को बनाया कार्यकारी अध्यक्ष
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (विमल गुट) ने कालिम्पोंग जिले के मोर्चा नेता लोपसांग लामा को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है. भूमिगत नेता विमल गुरुंग ने यह नियुक्ति की है. पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ परामर्श के बाद लोपसांग लामा को तत्काल प्रभाव से कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किये जाने की प्रेस विज्ञप्ति विमल गुरुंग के हस्ताक्षर से जारी की गयी है. लोपसांग लामा जीटीए अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
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