सिलीगुड़ी: बंगाल में आलू की पैदावार काफी अधिक होने के बावजूद भाव आसमान छू रहे हैं. हाट-बाजारों में आलू की कीमत को लेकर आये दिन ग्राहकों व आलू विक्रेताओं के बीच तू-तू,मैं-मैं होती है.
लोगों का आरोप है कि आलू विक्रेता आलू की जमाखोरी कर रहे हैं. इसलिए, बीते एक महीने के दौरान आलू की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. साथ ही लोगों का यह भी कहना है कि करीब एक वर्ष पहले इसी तरह आलू-प्याज व अन्य सब्जियों के दाम बढ़ने से काफी हाय-तौबा मची थी. सरकार को कीमत नियंित्रत करने के लिए स्थानीय स्तर पर टास्क फोर्स बनायी गयी थी. जो अब लकवाग्रस्त हो गया है. साथ ही सरकार ने सब्जी विक्रेताओं को साग-सब्जियों के कीमत का बोर्ड भी अपने दुकानों पर टांगने का निर्देश दिया था. जो कुछ दिनों तक दुकानाें के सामने लगा रहा, लेकिन अब यह तालिका बोर्ड भी कहीं दिखायी नहीं देती. कीमतों पर नजर रखने वाले सरकारी कंट्रोल बोर्ड की सचिव व सिलीगुड़ी महकमा की एसडीओ दीपप प्रिया पी. से संपर्क करने की काफी कोशिश की गयी, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
क्या कहना है ग्राहकों का
विधान मार्केट के सब्जी मंडी में खरीदारी कर रही एक गृहिणी विना मोर का कहना है कि बीते एक महीने के दौरान आलू की कीमत में अचानक आग लग गयी है. अन्य साग-सब्जियों की भी कीमत में काफी इजाफा हुआ है. वहीं, कविता चौधरी का कहना है कि आलू की कीमत में बढ़ोतरी के कारण आये दिन दुकानदारों से नोंक -झोंक होती है. वहीं, एक ग्राहक विशेश्वर ठाकुर ने कहा कि करीब एक वर्ष पहले जब इसी तरह साग-सब्जियों के दामों की बढ़ोत्तरी हुई थी, तब कीमत नियंत्रण के लिए सरकार की ओर से दुकानदारों को बोर्ड लगाने का निर्देश दिया था. जिससे काफी दिनों तक कीमतें सामान्य रही. बाद में दुकानदारों ने बोर्ड को हटा दिया एवं मनमानी कीमतें वापस वसूलने लगे.
क्या कहना है विक्रेताओं का
विधान मार्केट के सब्जी मंडी में आलू के खुदरा विक्रेता मोदीलाल साह ने बताया कि फिलहाल विभिन्न किस्मों के आलू के दाम 18 से 24 रुपये प्रति किलो के दर पर बिक्री हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बार उत्तर बंगाल में आलू की पैदावार काफी अच्छी हुई है. उन्होंने बताया कि इस साल 80 हजार टन से भी अधिक आलू की पैदावार उत्तर बंगाल में हुई है. इसके बावजूद आलू के भाव में क्यों इतनी तेजी है, समझ में नहीं आ रहा है. वहीं, कच्चे मालों की थोक मंडी (साग,सब्जी, फल, आलू, प्याज व मछली) सिलीगुड़ी रेगूलेटेड मार्केट फ्रुटस् एंड वेजीटेबल कमीशन एजेंट एसोसिएशन वरिष्ठ अधिकारी व थोक विक्रेता तपन साहा ने कहा कि सिर्फ उत्तर बंगाल ही नहीं पूरे बंगाल में ही इस बार आलू की अच्छी पैदावार हुई है. बंगाल में जितनी खपत होती है, उससे कई गुणा अधिक उत्पादन हुआ है. इस बार बंगाल से आलू बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश,ओड़िसा, असम समेत अन्य राज्यों में पहुंची है. हिमघरों में काफी पैमाने पर आलू जमा है. इसके बावजूद भी आलू की कीमत में कोई कमी नहीं होने की बात समझ से परे है.