उन्होंने कहा कि बिजली कर्मचारियों ने राज्य सरकार के सामने 10 सूत्री मांगें रख दी हैं और इस दिशा में राज्य सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. श्री दास ने कहा कि बिजली विभाग में अभी भी काफी पद खाली पड़े हुए हैं. इनको भरा नहीं जा रहा है, बल्कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं बढ़ा दी जाती हैं. इस परंपरा को तत्काल खत्म करने की मांग उन्होंने की.
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बिजलीकर्मियों ने की वेतन आयोग के गठन की मांग
सिलीगुड़ी. राज्य के बिजली कर्मचारियों ने अपने लिए अलग से वेतन आयोग बनाने की मांग राज्य सरकार से की है. इतना ही नहीं बिजली विभाग में खाली पदों को भरने तथा 11 प्रतिशत बकाया डीए तत्काल देने की मांग को लेकर राज्य सरकार को एक ज्ञापन दिया है. यह जानकारी डब्ल्यूबीएसइबी इंप्लाई एंड वर्कर्स यूनियन […]
सिलीगुड़ी. राज्य के बिजली कर्मचारियों ने अपने लिए अलग से वेतन आयोग बनाने की मांग राज्य सरकार से की है. इतना ही नहीं बिजली विभाग में खाली पदों को भरने तथा 11 प्रतिशत बकाया डीए तत्काल देने की मांग को लेकर राज्य सरकार को एक ज्ञापन दिया है. यह जानकारी डब्ल्यूबीएसइबी इंप्लाई एंड वर्कर्स यूनियन के महासचिव बलाई दास ने दी. वह सिलीगुड़ी जर्नालिस्ट क्लब में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि बिजली कर्मचारियों ने राज्य सरकार के सामने 10 सूत्री मांगें रख दी हैं और इस दिशा में राज्य सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए. श्री दास ने कहा कि बिजली विभाग में अभी भी काफी पद खाली पड़े हुए हैं. इनको भरा नहीं जा रहा है, बल्कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं बढ़ा दी जाती हैं. इस परंपरा को तत्काल खत्म करने की मांग उन्होंने की.
बिजलीकर्मियों से भेदभाव
श्री दास ने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए समय समय पर वेतन आयोग का गठन किया जाता है. बिजली विभाग को एक कंपनी के रूप में तब्दील कर दिया गया है और इसके लिए वेतन आयोग का गठन नहीं किया जाता है. इसकी वजह से कर्मचारियों के वेतन तथा भत्ते प्रभावित होते है.
ममता बनर्जी से जतायी उम्मीद
श्री दास ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि राज्य की तृणमूल सरकार तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी मांगों पर विचार कर जल्द कोई न कोई पहल करेंगी. संवाददाता सम्मेलन में संगठन के केंद्रीय कमेटी के सदस्य अंजन मजूमदार तथा दिलीप घोष के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे.
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