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पुलिस ने रोकी जॉन बारला की रैली
बानरहाट . विश्व आदिवासी दिवस पर जहां तराई-डुवार्स के विभिन्न जगहों में रह रहे आदिवासियों की ओर से रैली निकालने की अनुमति दी गयी, वहीं बानरहाट में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की रैली को पुलिस ने रोक दिया. जिससे बानरहाट में उत्तेजना फैल गयी. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि क्या सत्तारूढ़ पार्टी के […]
बानरहाट . विश्व आदिवासी दिवस पर जहां तराई-डुवार्स के विभिन्न जगहों में रह रहे आदिवासियों की ओर से रैली निकालने की अनुमति दी गयी, वहीं बानरहाट में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की रैली को पुलिस ने रोक दिया. जिससे बानरहाट में उत्तेजना फैल गयी. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि क्या सत्तारूढ़ पार्टी के दबाव में आकर पुलिस ने यह रैली रोकी.
बुधवार को बानरहाट में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद नेता जॉन बारला के नेतृत्व में एक जागरूकता रैली का आयोजन किया गया था. रैली शुरू होते ही बानरहाट थाना के आइसी बिपुल सिन्हा के नेतृत्व में विराट पुलिस बल समेत रैफ ने रैली को रोक दिया. जिससे पुलिस-प्रशासन के साथ आदिवासी नेताओं का वाद-विवाद हुआ. रैली में भारतीय टी वर्कर यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष पूरन उरांव व सचिव परेश नाथ बड़ाइक भी शामिल थे.
दूसरी ओर, बानरहाट थानांतर्गत हल्दीबाड़ी चाय बागान में अराजनीतिक संगठन ट्राइबल यूथ कल्चरल डेवलॉपमेंट एसोसिएशन की ओर से हल्दीबाड़ी से आसपास के इलाके में बाइक रैली का आयोजन किया गया. यह रैली चामुर्ची, बिन्नागुड़ी, गयेरकाटा का परिक्रमण किया, लेकिन पुलिस ने इस रैली को नहीं रोकी.
बानरहाट थाना के आइसी बिपुल सिन्हा को इस बारे में फोन करने पर उनसे कोई जवाब नहीं मिला. जलपाईगुड़ी के पुलिस अधीक्षक अमिताभ माइती ने बताया कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया.
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