विदेशी फंडिंग व चुनाव प्रक्रिया पर सलीम ने उठाया सवाल, कहा हुगली. माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने डानकुनी में पार्टी के राज्य सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार 21 मिलियन डॉलर पिछले चुनाव में भेजे गये थे. 2011 से तृणमूल कांग्रेस को भी विदेशी धन मिल रहा है, जिसका उपयोग चुनाव में वोट प्रभावित करने के लिए किया गया. उन्होंने कहा कि भाजपा और तृणमूल, दोनों इस धन का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए एक-दूसरे पर आरोप नहीं लगाते हैं. पहले जब मतदान प्रतिशत 88-90% होता था, तो इसे धांधली कहा जाता था, लेकिन अब मतदान बढ़ाने के लिए अमेरिका से धन आ रहा है. उन्होंने मांग की कि इस पर श्वेत पत्र जारी किया जाये या केंद्र और राज्य सरकार इसकी जांच करे. सलीम ने बताया कि 1997 में उनके नेतृत्व में एक कमेटी बनी थी, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे निरस्त कर दिया और आज तक कोई नयी कमेटी नहीं बनी. विदेशी धन किसके माध्यम से, किस रूट से आ रहा है, इसकी जानकारी जरूरी है, क्योंकि यह देश की संप्रभुता और लोकतंत्र के लिए खतरा है. उन्होंने कहा कि 2016 में वाम-कांग्रेस गठबंधन की जीत निश्चित थी, लेकिन धनबल से लोगों की राय को प्रभावित किया गया. उन्होंने कहा कि सांगठनिक कमजोरी को कुछ हद तक दूर किया जा सका है. इसमें और जोर लगाना होगा. सम्मेलन के दौरान कई मुद्दों पर बातचीत हुई. पार्टी में महिलाओं व युवाओं की भागीदारी बढ़ी है. लेकिन यह उम्मीद के मुताबिक नहीं है. उन्होंने मनरेगा को लेकर भी राज्य व केंद्र से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की. सम्मेलन के दौरान ड्रॉपआउट का मुद्दा भी उठा था. सलीम ने बताया कि पहले बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश में ड्रॉपआउट की संख्या ज्यादा है. लेकिन इस समय इस मामले में बंगाल सबसे ऊपर है. गरीब घरों के बच्चे स्कूल से दूर होते जा रहे हैं. आवास योजना से भी इनका नाम काट दिया जा रहा है. इसे लेकर पार्टी आंदोलन शुरू करेगी.
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