संवाददाता, कोलकाता
दक्षिण 24 परगना के जयनगर में एक किशोरी से दुष्कर्म और हत्या के मामले में निचली अदालत ने दोषी को मौत की सजा सुनायी थी. अभियुक्त ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होने वाली थी. लेकिन निचली अदालत से मामले के सभी दस्तावेज हाइकोर्ट तक नहीं पहुंचने के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गयी. मंगलवार को न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार को मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों की एक पेपर बुक तैयार कर अदालत में पेश करने का निर्देश दिया.
गौरतलब रहे कि जयनगर में नाबालिग लड़की से दुष्कर्म और हत्या के मामले में मुस्तकीन सरदार नामक युवक को पिछले साल दिसंबर में दोषी ठहराया गया था. बारुईपुर अदालत ने उसे मौत की सजा सुनायी थी. इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की गयी है. मुस्तकीन के वकील ने हाइकोर्ट में दावा किया कि उनका मुवक्किल निर्दोष है. निचली अदालत की सुनवाई प्रक्रिया में खामियां थीं. उसकी मौत की सजा को माफ किया जाना चाहिए. लेकिन निचली अदालत से दस्तावेज नहीं आने की वजह से मामले पर सुनवाई संभव नहीं हो सकी. अदालत ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद की जायेगी.
बता दें कि दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में पांच अक्टूबर को नौवीं कक्षा की छात्रा का शव बरामद किया गया था. इस मामले में पुलिस ने मुस्तकीन सरदार को दुष्कर्म व हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था. बारुईपुर फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश ने 36 गवाहों के बयान दर्ज किये और घटना के 61 दिन बाद मुस्तकीन को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनायी है.
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