।। अजय विद्यार्थी ।।
कोलकाता : कोलकाता नगर निगम चुनाव के अंतिम दिन तृणमूल सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को सुकांत सेतु से गरियाहाट और बाड़ीगंज फाड़ी से गोपालनगर तक जुलूस निकाला. जुलूस में कोलकाता के निवर्तमान मेयर शोभन चटर्जी, सांसद ,अभिनेता देव, सोहम, सारवंती, सायंतिका सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे.
सुश्री बनर्जी ने रैली के आरंभ में भाजपा नेता व अभिनेता रूपा गांगुली का नाम लिये बिना उन पर हमला बोला. उल्लेखनीय है कि रूपा गांगुली ने आरोप लगाया था कि गोपालनगर में चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान तृणमूल समर्थकों ने उनके साथ धक्का मुक्की की थी.
सुश्री बनर्जी ने कहा कि सभी पार्टियों के झंडे का सम्मान है. यदि कोई अपराध करता है, वह खुद ही उसके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश देती हैं. उन्हें गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन यदि कोई उन लोगों के झंडे को फाड़ता है. उसे पैर के नीचे रौंधता है, तो फिर उसे क्यों गिरफ्तार नहीं किया जायेगा. सुश्री बनर्जी ने दावा किया कि मई, 2011 में तृणमूल कांग्रेस राज्य में सत्ता में आयी थी. उसके बाद 2013 में विधानसभा चुनाव हुए.
2014 में लोकसभा चुनाव हुए और 2015 में अब निकाय चुनाव हो रहे हैं. चुनाव के दौरान लगभग 12 माह ऐसे ही निकल गये हैं. उनलोगों को काम करने के लिए केवल साढ़े वर्ष मिले हैं. इस दौरान कोलकाता नंबर वन सिटी में परिवर्तन हो गया है, क्योंकि कोलकाता मुंबई व दिल्ली की तरह प्लांड सिटी नहीं है. अन्य महानगरों की तरह कोलकाता में पीने और अन्य मामले के लिए प्रयोग होने वाले पानी के लिए शुल्क नहीं लगता है.
यहां बिजली आवश्यकता से ज्यादा है. बंगाल और कोलकाता में लोडशेडिंग नहीं होती है. उन लोगों के पास सरप्लस बिजली है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार से कोई मदद नहीं मिलने के बावजूद वे लोग कोलकाता व बंगाल का विकास कर पाये हैं.