कहा: सुरक्षा-व्यवस्था सुनिश्चित करना राज्य प्रशासन की जिम्मेवारी
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद बनाये जाने की घोषणा में अब नया मोड़ आ गया है. कलकत्ता हाइकोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही अदालत ने शांति-व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर छोड़ दी है. हुमायूं की इस पहल के खिलाफ कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, लेकिन अब कोर्ट ने भी मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है.क्या कहा अदालत ने
हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजय पाल और न्यायमूर्ति पार्थसारथी सेन की डिविजन बेंच ने कहा कि इलाके में शांति और कानून-व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है. हाइकोर्ट ने साफ कर दिया कि कोर्ट मस्जिद बनाने या नींव रखने के कार्यक्रम में कोई रुकावट नहीं डालेगा. अगर जरूरी हो, तो केंद्रीय सुरक्षा बल को तैनात किया जा सकता है. वहीं, राज्य सरकार ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं. याचिकाकर्ता के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने दलील दी कि इससे पहले राम मंदिर के मुद्दे पर भी सौहार्द्र बिगड़ने की बातें सामने आयी थीं.
मुर्शिदाबाद में तैनात हैं 19 कंपनियां केंद्रीय बल
अप्रैल में नये वक्फ कानून के विरोध में मुर्शिदाबाद में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. हालात बेकाबू होने पर केंद्रीय बलों की तैनाती की गयी. तब से अब तक वहां 19 कंपनियां केंद्रीय बल की तैनात हैं. केंद्र ने कहा है कि इन बलों को इस मामले में भी लगाया जा सकता है.
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