अच्छी खबर : प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हुई बैठक में लिया गया फैसला
कोलकाता : केंद्र सरकार ने बुधवार को जूट उद्योग के लिए बड़ा कदम उठाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक में सरकार ने अनाजों और चीनी की पैकेजिंग के लिए जूट बोरियों का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है.
सरकार ने जूट पैकेजिंग मैटेरियल एक्ट, 1987 के तहत जूट पैकेजिंग को बरकरार रखा है. सरकार ने सभी अनाजों की पैकेजिंग में 100 फीसदी जूट की बोरियों का इस्तेमाल अनिवार्य किया है. इसके अलावा चीनी की पैकेजिंग मे 20 फीसदी जूट बैग्स अनिवार्य होगा.
सालाना 7500 करोड़ के जूट बैग की खरीदारी : जूट इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने काफी प्रयास किये हैं. रॉ जूट की क्वालिटी और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने और जूट प्रोडक्ट्स की मांग बने रहने के लिए सरकार ने कदम उठाये हैं. सरकार ने हाल ही में प्लास्टिक को फेजवाइज बंद करने का फैसला किया है. इससे जूट की डिमांड बढ़ाने में मदद मिलेगी. जूट उद्योग खासकर सरकारी सेक्टर पर निर्भर है. अनाजों की पैकेजिंग के लिए प्रत्येक साल 7,500 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के जूट बैग की खरीदारी होती है. इससे जूट उद्योग पर निर्भर कामगारों और किसानों को अपनी आजीविका चलाने में मदद मिलती है.
इज्मा ने किया स्वागत: इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन (इज्मा) ने केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है. इज्मा के उपाध्यक्ष ऋषभ काजरिया ने केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे जूट उद्योग में स्थिरता आयेगी. चूंकि अब जूट की बोरियों की मांग निश्चित रहेगी, इससे उत्पादन बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि लेकिन लगातार कच्चे जूट की घटती आवाक चिंता का विषय है. इस संबंध में भी केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए.