आसनसोल.
भाजपा के सूचना व तकनीकी विभाग के राष्ट्रीय प्रभारी व पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकरिणी सदस्य अमित मालवीय और भाजपा प्रदेश कमेटी के सदस्य कृष्णेन्दू मुखर्जी के खिलाफ आसनसोल साउथ थाना में गैर जमानती धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. जिसमें जानबूझकर किसी धर्म, जाति या विशेष समूह के खिलाफ झूठी व अपमानजनक सूचना फैलाना और देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का आरोपों के तहत बीएनएस की धारा 152 और 353 लगाकर मामला दर्ज हुआ. धारा 152 में आरोप साबित होने पर सात साल या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है. दूसरी ओर भाजपा नेता अरिजीत राय, सौम्य दोलुई, सोना बनर्जी, सुदीप कुमार चौधरी के खिलाफ आसनसोल नॉर्थ थाना में गैर जमानती धारा में मामला दर्ज हुआ है. इसमें बीएनएस की धारा 329(4)/221/132/351(2)/61(2)/3(5) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है. गौरतलब है कि वक्फ कानून के खिलाफ रेलपार सफी मोहल्ला इलाके में दो दिन पहले एक रैली निकली थी. रैली का एक वीडियो वायरल हुआ. जिसमें पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगने की बात को लेकर भाजपा नेताओं ने आंदोलन शुरू किया. प्रभात खबर इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है. भाजपा के कुछ नेताओं ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और कुछ नेताओं ने आसनसोल नॉर्थ थाना के समक्ष उग्र प्रदर्शन किया. जिसे लेकर दो अलग-अलग थानों में प्राथमिकी दर्ज हुई.अमित मालवीय और कृष्णेंदु मुखर्जी पर क्यों दर्ज हुआ मामला
अमित मालवीय ने अपने एक्स हैंडल पर 14 सेकेंड के वीडियो (जिसमें पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगा) पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री पर कटाक्ष किया था कि तथाकथित वक्फ विरोधी प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गये. ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को इस्लामिक खिलाफत में बदल दिया है. डायरेक्ट डे के मुख्य वास्तुकार हुसैन सुहरावर्दी होते तो ममता बनर्जी के उपलब्धियों से ईर्ष्या करते. दूसरे भाजपा नेता ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. इसके खिलाफ स्थानीय निवासी मोहम्मद सईद असद ने आसनसोल साउथ थाना में शिकायत करते हुए कहा कि 24 अप्रैल को आसनसोल सिटी बसस्टैंड में वक्फ बिल के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध कार्यक्रम आयोजित हुआ. दुर्भाग्य से अमित मालवीय, कृष्णेन्दू मुखर्जी और एक विशेष राजनीतिक पार्टी से जुड़े अन्य लोगों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक वीडियो क्लिप प्रसारित किया, जो उक्त कार्यक्रम का बताया जा रहा है. जिसमें एक पड़ोसी देश का महिमामंडन करने वाला एक निश्चित नारा लगाया जा रहा है. वे पूरे कार्यक्रम में मौजूद थे, लेकिन ऐसा कोई नारा नहीं लगाया गया. उन्होंने इस वीडियो की वैधता पर सवाल खड़ा किया और आरोप लगाया कि एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ अपराध करने के लिए उकसाने व विभिन्न धार्मिक समुदायों के खिलाफ दुश्मनी, घृणा और दुर्भावना को बढ़ावा देने तथा देश की एकता, अखंडता खतरे में डालने के उद्देश्य से अमित मालवीय, कृष्णेन्दू मुखर्जी व अन्य लोगों ने उक्त वीडियो की सत्यता की पुष्टि किये बगैर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से इसे प्रसारित किया. इसके जरिये एक विशेष धार्मिक समुदाय के लोगों को प्रतिक्रिया करने के लिए उकसाया गया. जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया. भाजपा नेता ने कहा कि शिकायत में सिटी बस स्टैंड के सभा का जिक्र है, जबकि यह वीडियो रेलपार सफी मोहल्ला में एक रैली के लगे नारे का वीडियो है. पुलिस कुछ भी कर सकती है. देशद्रोही नारे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, विरोध करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई हुई.
आसनसोल नॉर्थ थाने का गेट बंद करने को लेकर हुआ मामला
आसनसोल नॉर्थ थाना के अवर निरीक्षक कल्याण मुखर्जी की शिकायत पर भाजपा नेताओं के खिलाफ गैर जमानती धारा में मामला दर्ज हुआ. शिकायत में कहा गया कि 25 अप्रैल को दोपहर डेढ़ बजे अरिजीत राय, सौम्य दोलुई, सोना बनर्जी, सुदीप कुमार चौधरी व 20-25 लोग भाजपा के झंडे लेकर थाना के समक्ष जमा हुए विरोध प्रदर्शन करने लगे. अचानक वे लोग थाने में घुस गये, अभद्र भाषा का उपयोग करके सरकारी कर्मचारियों को धमकाया. वे लोग पुलिस थाना के मेन गेट बाहर से बंद कर दिया, जिससे सरकारी कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों का पालन करने में बाधा उत्पन्न हुआ. इस।शिकायत के आधार पर गैर जमानती धारा में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ.
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