13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

हत्यारे पति ने खुद को मारी थी गोली, बेटे को लिखे सुसाइड नोट में कबूला अपना जुर्म

रहस्योद्घाटन. 184 दिनों बाद संचिता चौधरी हत्याकांड का रहस्य सुलझा, पति ने की थी हत्या

आसनसोल/रूपनारायणपुर. गत तीन अप्रैल को चित्तरंजन रेल नगरी के हुए संचिता चौधरी हत्याकांड का खुलासा 184 दिनों बाद हुआ, मृतक के पति प्रदीप चौधरी ने ही अपनी पत्नी की गला रेतकर हत्या की थी. लेकिन हत्यारे को पुलिस अब कभी गिरफ्तार नहीं कर पायेगी क्योंकि हत्यारे ने आत्महत्या कर ली और अपने बेटे के नाम लिखे सुसाइड नोट में उसने बताया कि उसकी मां की हत्या उसने ही की थी. जिसका कारण भी उसने बताया. पुलिस को यह बात सबसे ज्यादा हैरान कर रही है कि 58 वर्षीय चिरेका के एक साधारण से कर्मचारी के पास 7.64 एमएम की पिस्तौल कहां से पहुंची, क्योंकि इसी पिस्तौल से प्रदीप ने चिरेका के अपने आवास में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. घटनास्थल से पुलिस ने पिस्तौल के साथ एक खाली खोखा और चार जिंदा कारतूस पिस्तौल से बरामद किया.

गौरतलब है कि चित्तरंजन रेल नगरी में स्ट्रीट संख्या 28, आवास संख्या 56डी में तीन अप्रैल की रात को पुलिस ने संचिता चौधरी (56) का गला रेता हुआ शव बरामद किया था. पूरे घर में खून फैला हुआ था. पुलिस को इस मामले में प्रदीप चौधरी पर ही संदेह था. पुलिस उसे नियमित थाने में बुलाकर पूछताछ करती थी. उसके दिल का ऑपरेशन हुआ था, इसलिए पुलिस उसके साथ थोड़ी सावधानी बरत रही थी. पुख्ता सबूत नहीं मिलने के कारण पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी. सबूत की तलाश पुलिस कर रही थी. इसी बीच रविवार (पांच अक्तूबर) को प्रदीप ने चिरेका के अपने नये आवास स्ट्रीट संख्या 64, आवास संख्या 25बी में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या से पहले प्रदीप ने टूटी-फूटी अंग्रेजी भाषा में छोटा सा एक सुसाइड नोट अपने बेटे के नाम लिखा, जिसमें उसने कबूल किया कि उसने ही संचिता की हत्या की थी.

सुसाइड नोट: अपनी मां को तुम जानते हो, उस दिन वह कुछ ज्यादा ही डिमांड कर रही थी

प्रदीप चौधरी के शव के पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला. यह सुसाइड नोट में प्रदीप ने अपने बेटे के नाम लिखा था. बेटे को उसके पुकार के नाम ‘डोनायी’ से संबोधित करते हुए लिखा ‘ मैं दुखी हूं और माफी मांगता हूं. मैंने ही तुम्हारी मां की हत्या की है. क्योंकि तुम अपनी मां को जानते हो, वह उस दिन कुछ ज्यादा ही डिमांड कर रही थी, वह बहुत अधिक कर रही थी, उस समय गलती से मैंने यह कांड कर दिया. कृपया मुझे माफ कर दो. सारे कागजात पीले बैग में है. हमेशा खुश रहो और मुझे माफ कर दो.’ सुसाइड नोट में नीचे बाबा लिखा हुआ था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel