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अंडाल के मदनपुर में बालू लदे ट्रक से कुचल कर आंगनबाड़ी कर्मचारी की हो गयी मौत

शनिवार को दोपहर अंडाल थाना क्षेत्र के मदनपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र में हृदयविदारक दुर्घटना में एक आंगनबाड़ी कर्मचारी की दर्दनाक मौत हो गयी. इस हादसे से गुस्साये स्थानीय लोगों ने पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग पर प्रदर्शन किया और एक बार फिर स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया. कहा कि उसका बालू लदे वाहनों की ओवरलोडिंग व रफ्तार पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है.

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रानीगंज.

शनिवार को दोपहर अंडाल थाना क्षेत्र के मदनपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र में हृदयविदारक दुर्घटना में एक आंगनबाड़ी कर्मचारी की दर्दनाक मौत हो गयी. इस हादसे से गुस्साये स्थानीय लोगों ने पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग पर प्रदर्शन किया और एक बार फिर स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया. कहा कि उसका बालू लदे वाहनों की ओवरलोडिंग व रफ्तार पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है.

इसके चलते आये दिन हादसे हो रहे हैं और लोगों की जान जा रही है. मृत महिला का नाम काजोली साधु(35) और ठिकाना बाबुईशोल का पलाशवन क्षेत्र बताया गया है. वह मदनपुर ग्राम पंचायत क्षेत्र में आशाकर्मी के तौर पर कार्यरत थी. पता चला है कि पंचायत कार्यालय से काजोली साधु अपने पति के साथ बाइक (स्कूटी) पर सवार होकर घर लौट रही थीं. तभी मदनपुर से बकतारनगर गामी सड़क पर बालू लदे ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी, जिससे महिला सड़क पर गिर गयी और ट्रक के पिछले पहिये के नीचे आ गयी. इस तरह महिला ने तड़पते हुए मौके पर ही दम तोड़ दिया.

हादसे के बाद 40 मिनट तक चलती रही सांस

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना के बाद काजोली साधु लगभग 40 मिनट तक जीवित थी. समय रहते एंबुलेंस व पुलिस आ जाती, तो उसकी जान बच जाती. पर ऐसा नहीं हुआ. दुर्घटना के बाद आसपास से सैकड़ों लोग वहां जुट गये और पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग पर प्रदर्शन करने लगे. गुस्सा इस बात पर भी था कि सूचना देने के बावजूद एंबुलेंस व पुलिस घटनास्थल पर समय से नहीं आये. चश्मदीदों के अनुसार हादसे के बाद करीब तीन घंटों तक महिला ट्रक के पिछले चक्के के नीचे दबी रही और उसे इस हाल में बेबस पति देखता रहा. दुर्घटना के बाद ट्रक को उसी हाल में छोड़ कर चालक फरार हो गया, जिसे पुलिस सरगर्मी से तलाश रही है.

बिगड़ती स्थिति को नियंत्रण में लाने को अंडाल थाने की पुलिस वहां पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझा कर शांत करने का प्रयास किया. हालांकि, घटनास्थल पर मौजूद एक व्यक्ति ने दावा किया कि हादसे के बाद महिला करीब 40 मिनट तक जिंदा थी. बार-बार पुलिस व एंबुलेंस को सूचित किया गया, पर समय रहते कोई नहीं आया और महिला ने कराहते हुए दम तोड़ दिया. महिला का पति भी बेबस होकर मदद मांगता रहा, जो नहीं मिली. आक्रोशित लोग अड़े हुए थे कि जब तक इस मामले का उचित निबटारा नहीं हो जाता, तब तक किसी को भी शव वहां से हटाने नहीं दिया जायेगा. आरोप लगाया कि जब तक महिला जीवित थी, तब तक पुलिस, प्रशासन, एंबुलेंस वाले या बालूघाट से कोई नहीं आया.

यदि कोई मददगार समय पर आता, तो महिला की जान बच जाती. बाद में पुलिस अफसरों ने काफी समझाया, तब जाकर लोग माने और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए पुलिस को ले जाने दिया. शव को पुलिस ने ऑटोप्सी के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है. दुर्घटना के बाद से क्षेत्र में गुस्सा व शोक की लहर है,

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