अंडाल.
इसीएल ने प्रस्तावित मधुजोड़ कोलियरी का संचालन निजी कंपनी के जरिये करने का निर्णय लिया है, गुरुवार को संगठन ने उस क्षेत्र में अपनी जमीन पर एक बोर्ड लगा दिया. इसीएल की इस पहल का उद्देश्य भूमि को कब्जे से बचाना है. इसीएल के काजोड़ा क्षेत्र में मधुजोड़ खदान लंबे समय से बंद व परित्यक्त पड़ी है. उसमें बड़ा कोयला भंडार है, कंपनी ने खुली खदान खनन के माध्यम से कोयला निकालने का निर्णय लिया है, कोयला उत्पादन का कार्य एक निजी कंपनी को सौंपा गया है, खबर है कि निजी कंपनी जल्द ही कोयला खनन शुरू करेगी, स्थानीय निवासियों के एक वर्ग ने शिकायत की है कि प्रस्तावित खुली खदान के निकटवर्ती क्षेत्र में भूमि खरीदने और बेचने की प्रवृत्ति में हाल ही में वृद्धि हुई है, दो निजी कंपनियों ने वहां बहुमंजिला आवासीय परियोजना बनाने का काम शुरू कर दिया है स्थानीय भूस्वामियों द्वारा गठित “कृषि भूमि आजीविका समिति ” के सदस्यों ने भूमि हस्तांतरण और आवास निर्माण के विरोध में आवाज उठाई है,संगठन का कहना है कि जो लोग प्रस्तावित खुली खदान वाली क्षेत्र में मकान बनाने के लिए आवास और भूमि खरीदेंगे, उन्हें निकट भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा,संगठन ने बीएलआरओ सहित विभिन्न विभागों को ज्ञापन सौंपकर इस क्षेत्र में भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है.गुरुवार को इसीएल के काजोड़ा क्षेत्र के अधिकारी क्षेत्र का निरीक्षण करने आये थे. संगठन की अपनी परती पड़ी भूमि की पहचान की गयी और उस भूमि पर बोर्ड लगाये गये. काजोड़ा एरिया के एजीएम असीम मंडल ने बताया कि जमीन इसीएल की है, यह जानकारी देने को संबद्ध क्षेत्र में बोर्ड लगाया गया है.
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