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माइकल मधुसूदन मेमोरियल कॉलेज में इसी सत्र से शुरू होगा हिंदी ऑनर्स
खुशखबरी. कोयलांचल में हिंदी माध्यम शिक्षा को मिली एक और बड़ी उपलब्धि काजी नजरूल विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसी शिक्षण सत्र से माइकल मधुसुधन मेमोरियल कॉलेज में हिंदी ऑनर्स की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लेकर हिंदी माध्यम के छात्रों, उनके गाजिर्यनों व हिंदी प्रेमियों को बड़ा उपहार दिया है. इससे इस शहर के स्टूडेंट्सों को […]
खुशखबरी. कोयलांचल में हिंदी माध्यम शिक्षा को मिली एक और बड़ी उपलब्धि
काजी नजरूल विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसी शिक्षण सत्र से माइकल मधुसुधन मेमोरियल कॉलेज में हिंदी ऑनर्स की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लेकर हिंदी माध्यम के छात्रों, उनके गाजिर्यनों व हिंदी प्रेमियों को बड़ा उपहार दिया है. इससे इस शहर के स्टूडेंट्सों को काफी मदद मिलेगी. इसके लिए हिंदी प्रेमी काफी दिनों से प्रयासरत थे.
आसनसोल : काजी नजरूल विश्वविद्यालय के अधीनस्थ माइकल मधुसुधन मेमोरियल कॉलेज में इसी शिक्षण सत्र से हिंदी में ऑनर्स की पढ़ाई शुरू होगी. यह जानकारी विश्वविद्यालय के उप निबंधक डॉ एस चक्रवर्ती ने दी. उन्होंने बताया कि कॉलेज में इसी सत्र से नामांकन होगा.
इसकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. उप निबंधक डॉ चक्रवर्ती ने कहा कि दुर्गापुर शहर में स्थित तीन कॉलेजों में हिंदी ऑनर्स की पढ़ाई नहीं होती थी. इस कॉलेज में इस सत्र से इसकी पढ़ाई शुरू होने से हिंदी ऑनर्स के छात्रों को काफी सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के कारण आदर्श चुनाव आचार संहिता पूरे राज्य में लागूू है. आगामी 19 मई को चुनाव परिणाम निकलने के बाद आचार संहिता समाप्त हो जायेगी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने माइकल मधुसुधन मेमोरियल कॉलेज में हंिदूी (ऑनर्स) विषय की पढ़ाई आरंभ किये जाने संबंधी सभी प्रक्रिया पूरी कर ली है. आचार संहिता के कारण स्वीकृति पत्र नहीं भेजा गया था.
हिंमाशिविमं के पदाधिकारियों ने दी वीसी को बधाई
माइकल मधुसुधन मेमोरियल कॉलेज (दुर्गापुर) में इस शिक्षण सत्र से हिंदी ऑनर्स की पढ़ाई शुरू करने के काजी नजरूल विश्वविद्यालय प्रशासन के निर्णय का हिंदी माध्यम शिक्षा विकास मंच ने स्वागत किया है तथा इसके लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ साधन कुमार चक्रवर्ती को बधाई दी है. मंच के संरक्षक व पूर्व सांसद आरसी सिंह, संयोजक डॉ अरुण पांडेय, मनोज यादव व मीना सिंह ने कहा कि इस निर्णय से हिंदी माध्यम शिक्षा को एक नया मुकाम मिला है. इसके लिए मंच ने लगातार अभियान चलाया था. उन्होंने कहा कि दुर्गापुर शहर में तीन-तीन कॉलेज हैं. लेकिन किसी में भी हिंदी ऑनर्स की पढ़ाई नहीं होती है.
इस कारण हिंदी ऑनर्स पढ़ने के आकांक्षी स्टूडेंट्स को शहर के बाहर या तो मानकर कॉलेज जाना होता था या फिर खांद्रा, रानीगंज या आसनसोल. आने-जाने की परेशानी के कारण अधिसंख्य स्टूडेंट्स अन्य विषय में ऑनर्स लेकर पढ़ाई करते थे या फिर इग्नू में नामांकन कराते थे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ चक्रवर्ती के प्रभार लेने के कुछ समय बाद मंच का शिष्टमंडल उनसे मिला था तथा इस कॉलेज में हिंदी में ऑनर्स की पढ़ाई शुरू करने का आग्रह किया था. डॉ चक्रवर्ती ने उसी समय कॉलेज का निरीक्षण कर इस दिशा में पहल करने का निर्देश दिया था तथा आश्वासन दिया था कि वर्ष 2016-2019 शिक्षण सत्र में नामांकन किया जायेगा. मंच पदाधिकारियों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के इस निर्णय से हिंदी माध्यम शिक्षा को काफी मदद मिलेगी.
कॉलेज स्तर से होगा ऑनलाइन नामांकन
उन्होंने कहा कि दाखिले के नियम में किसी प्रकार का फेर बदल नहीं किया गया है.स्नातक में दाखिले संबंधी सारी प्रक्रिया कॉलेज स्तर से ऑनलाइन होगें. दाखिले संबंधी मेरिट लिस्ट कॉलेजों द्वारा ऑनलाइन जारी किये जायेंगे. जिसे विद्यार्थी भी ऑनलाइन देख सकेंगे. पहले की तरह कॉलेज के नोटिस बोर्ड में मेरिट लिस्ट चिपकाने की प्रथा समाप्त कर दी गयी है.
अधीनस्थ कॉलेजों को विश्वविद्यालय स्तर से मेल कर निर्देश भेजा गया है कि किसी भी तरह 23 मई से कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाये और तीन जुलाई तक सारी प्रक्रिया पूर्ण कर दी जाये क्योंकि चार जुलाई से स्नातक की कक्षाएं आरंभ कर दी जायेंगी. स्नातकोत्तर में दाखिले के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन बर्दवान विश्वविद्यालय के स्नातक के परीक्षा परिणामों का इंतजार कर रहा है. इसके बाद विश्वविद्यालय में आधिकारिक बैठक कर दाखिले की तिथि घोषित कर दी जायेगी.
कॉलेज के लिए मील का पत्थर
माइकल मधुसुधन मेमोरियल कॉलेज (दुर्गापुर) में हिंदी विभाग की शिक्षिका मीना सिंह ने इस निर्णय को कॉलेज के लिए सुखद निर्णय बताया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ साधन कुमार चक्रवर्ती और कॉलेज के प्राचार्य डॉ गुलाम मुहम्मद हेलाउद्दीन समान रुप से बधाई के पात्र है.
विश्वविद्यालय की इस पहल को प्राचार्य डॉ हेलाउद्दीन ने सकारात्मक लेते हुए इसे स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि इस कॉलेज में वर्ष 2008 में हिंदी में पास कोर्स की पढ़ाई की शुरूआत हुयी थी. उन्होंने उसी समय कॉलेज में योगदान किया था.
हर वर्ष औसतन सवा सौ से डेढ़ सौ स्टूडेंट्स हिंदी पास कोर्स में नामांकन लेते हैं. इनमें से अधिसंख्य हिंदी ऑनर्स पढ़ने के आकांक्षी होते हैं. कॉलेज के स्तर से भी इस दिशा में काफी पहल हो रही थी. पिछले वर्षो में हिंदी विभाग ने पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन कर कई शील्ड भी जीते हैं. उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि प्राचार्य डॉ हेलाउद्दीन के नेतृत्व में यह उपलब्धि कॉलेज को मिली है. मेयर अपूर्व मुखर्जी के नेतृत्व में कॉलेज प्रबंध कमेटी भी इसके लिए प्रयासरत थी. उन्होंने कहा कि हिंदी माध्यम के स्टूडेंट्स व गाजिर्यन के लिए यह सर्वश्रेष्ठ उपहार है.
स्नातक में नामांकन के लिए कमेटी गठित
विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी सह पूर्व निबंधक डॉ सौगत चक्रवर्ती ने बताया कि स्नातक के तहत और स्नात्तकोत्तर पाठयक्रम में दाखिले को लेकर एक कमेटी गठित की गयी है.
स्नातक में दाखिले के लिए गठित कमेटी में संबंधित कॉलेज के प्रिंसिपल, विश्वविद्यालय के कुलपति व अन्य संबंधित प्रतिनिधि शामिल रखे गये हैं. स्नातकोत्तर में दाखिले के लिए गठित कमेटी में विश्वविद्यालय के कुलपति, निबंधक व प्रस्तावित प्रतिनिधि शामिल रहेंगे.
स्नातक पाठयक्रम में दाखिले की प्रक्रिया नियमानुसार उच्चतर माध्यमिक परीक्षा फल निकलने के बाद सात दिनों के अंदर आरंभ कर दी जायेगी और अधिकतम साठ दिनों के अंदर दाखिले की प्रक्रिया को पूरा कर लेना होगा. स्नातक के तहत दाखिले की प्रक्रिया में संबंधित कॉलेज का निर्णय महत्वपूर्ण होता है और यह पूर्णतया राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित होता है. इसमें विश्व विद्यालय की भूमिका सिर्फ निबंधन और सहयोग मात्र तक सीमित होती है.
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