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शासक या विपक्ष, दायित्वों का निर्वाह करेंगे पूरी जिम्मेवारी से
आसनसोल : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पंचायत चुनावों में जीते पार्टी प्रार्थियों को विभिन्न चरणों में प्रशिक्षित किया जायेगा, ताकि वे सत्ता तथा विपक्ष की भूमिका प्रभावी तरीके से निभा सके. इसके माध्यम से ही राज्य की जनता को भावी शासन की झलक मिल सकेगी. वे प्रदेश कार्यकारिणी की दोदिवसीय […]
आसनसोल : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पंचायत चुनावों में जीते पार्टी प्रार्थियों को विभिन्न चरणों में प्रशिक्षित किया जायेगा, ताकि वे सत्ता तथा विपक्ष की भूमिका प्रभावी तरीके से निभा सके. इसके माध्यम से ही राज्य की जनता को भावी शासन की झलक मिल सकेगी. वे प्रदेश कार्यकारिणी की दोदिवसीय बैठक के पहले सत्र की समाप्ति के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. बैठक शहर के निजी होटल में सोमवार से शुरू हुई.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश बिजयवर्गीय, राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा, सुरेश पुजारी, मुकुल रॉय, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, भाजपा राज्य कार्यकारिणी व कोर कमेटी के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे. पार्लियामेंट की बैठक के कारण केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रिय तथा सांसद लॉकेट चटर्जी शामिल नहीं हो सकीं. बैठक में पश्चिम बंगाल में सदस्यता अभियान चलाने, पंचायत चुनाव के विजयी प्रार्थियों एवं संगठन से जुड़ने वाले कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर दायित्व देने एवं सांगठनिक विस्तार के मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिये जाने हैं.
श्री घोष ने कहा कि पंचायत के निर्वाचित सदस्य चाहे सत्ता में रहे या विपक्ष में, वे अपनी सार्थक भूमिका निभायेंगे. उन्हें उनके दायित्व और भूमिका के बारे में बताया जायेगा. राज्य के पंचायत चुनावों में शक्ति का प्रयोग किये जाने की बात को मजबूती देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा मजबूती के साथ विपक्ष की भूमिका में है और शासक दल को कड़ी चुनौती दे रही है.
बंगाल में 30 वर्षों तक शासक दल के रूप में रहने वाली बड़ी पार्टियों सीपीएम और कांग्रेस पीछे छूट चुकी है और भाजपा प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका में है. उन्होंने कहा कि बंगाल में माकपा और कांग्रेस की तुलना में भाजपा नयी पार्टी होने के बावूजद जमीनी स्तर पर अन्याय के विरूद्ध लोकतांत्रिक पद्धति से तृणमूल से लड़ रही है.
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों में माकपा और कांग्रेस तो नामांकन तक नहीं करा सकी परंतु भाजपा ने राज्य में सर्वाधिक नामांकन कराने में सफल रही. राज्य के पंचायत चुनावों में भाजपा ने 38 हजार नामांकन कराये और 31 हजार उम्मीदवार मैदान में डटे रहे. रिगिंग और हिंसा को रोका. उन्होंने दावा किया कि अगर बंगाल में निष्पक्ष और गणतांत्रिक पद्धति से चुनाव होते तो 6.5 हजार की जगह 13 हजार सीटों पर भाजपा की जीत तय थी.
सही ढंग से वोट होता तो 20 हजार प्रार्थी पंचायत चुनावों में जीत हासिल करते. पंचायत चुनावों में जिस तरह गणतंत्र की हत्या और पुलिस प्रशासन का दुरूपयोग किया गया. उस परिस्थिति में इससे अच्छे परिणाम नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि तृणमूल जहां हमें लोकतांत्रिक पद्धति से हरा नहीं पायी वहां हिंसा का सहारा और सरकारी तंत्र का दुरूपयोग किया और प्रार्थियों पर जबरन तृणमूल में शामिल होने का दबाव बनाया गया. परिस्थितियों को देखते हुए राज्य से बाहर प्रार्थियों को रखकर चुनाव लड़े गये और पुरूलिया में तृणमूल को 52 सीट और भाजपा को 60 सीटों पर जीत हासिल हुई.
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