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बीबी कॉलेज हिंदी शिफ्ट छात्रों का हंगामा

आक्रोश. केएनयू ने जारी किया स्नातक द्वितीय वर्ष की परीक्षा के परिणाम खराब रिजल्ट के लिए दोषी बताया उत्तर पुस्तिका की जांच प्रणाली को बांग्लाभाषी शिक्षकों के द्वारा पुस्तिका जांची जाने की जतायी संभावना मांग किये जाने पर पुन: जांच का आश्वासन दिया परीक्षा नियंत्रक ने आसनसोल : काजी नजरूल विश्वविद्यालय (केएनयू) के अधीनस्थ बीबी […]

आक्रोश. केएनयू ने जारी किया स्नातक द्वितीय वर्ष की परीक्षा के परिणाम

खराब रिजल्ट के लिए दोषी बताया उत्तर पुस्तिका की जांच प्रणाली को
बांग्लाभाषी शिक्षकों के द्वारा पुस्तिका जांची जाने की जतायी संभावना
मांग किये जाने पर पुन: जांच का आश्वासन दिया परीक्षा नियंत्रक ने
आसनसोल : काजी नजरूल विश्वविद्यालय (केएनयू) के अधीनस्थ बीबी कॉलेज हिंदी शिफ्ट के स्टूडेंटसों ने द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणामों से असंतुष्ट हो मंगलवार को कॉलेज के प्रशासनिक भवन के समक्ष जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया. अधिकांश स्टूडेंटसों ने बेहतर परीक्षा होने का दावा करते हुए खराब रिजल्ट के लिए पुस्तिका जांच प्रणाली को दोषी ठहराया.
केएनयू के आधिकारिक स्तर से द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणामों की घोषणा सोमवार को की गयी थी. परीक्षा परिणाम में दिये गये अंकों से असंतुष्ट स्टूडेंटसों ने पुन: परीक्षा कॉपियों की जांच कराने की मांग की. उन्होंने परीक्षा की उत्तर पुस्तिका की जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए केएनयू परीक्षा विभाग को स्टूडेंटसों के भविष्य के साथ खिलवाड करने की बात कही.
उन्होंने आशंका जतायी कि संभवत: हिंदी शिफ्ट के उत्तर कॉपियों की जांच बांग्लाभाषी शिक्षकों द्वारा कराये जाने से ही परीक्षा परिणामों में इतना फर्क आया हो. हिंदी शिफ्ट की स्टूडेंटस अंजना वर्मन ने कहा कि उसे सिर्फ पोलिटिकल साइंस में पास दिखाया गया है.
बाकी पेपरों में उसे फेल बताया गया है. जबकि उसने सभी पेपरों की परीक्षा अच्छे से दिये थे और सभी प्रश्नों के उत्तर सही लिखे थे. स्टूडेंटस आशा सिंह ने कहा कि इतिहास (ऑनर्स) पेपर की परीक्षा काफी बेहतर हुयी थी. उसने सर्वाधिक प्रश्नों के सही उत्तर लिखे थे. उसके बावजूद उस विषय में उसे फेल दिखाया गया है. हिंदी शिफ्ट प्रोग्राम कोर्स की छात्र मधु तिवारी ने कहा कि इतिहास और पोलिटिकल साइंस का पेपर सबसे अच्छा रहा परंतु उन्हीं विषयों में सबसे खराब परीक्षा परिणाम रहे. उन्होंने फिर से कॉपियों की जांच किये जाने की मांग की.
छात्र पूजा कुमारी ने कहा कि जिस विषय में उसने काफी अच्छा किया था और सही जवाब भी लिखे थे. उन्हीं विषयों के परीक्षा परिणाम सर्वाधिक निराशाजनक रहे हैं. उसने कहा कि अधिसंख्य स्टूडेंटसों की यही स्थिति है. स्टूडेंटस मोहम्मद वारीश, काजल कुमारी, अंजना कुमारी, आरसी खातून, पूनम रजक, आरती कुमारी, ज्योति कुमारी, रजनी कुमारी, काजल कुमारी, खुशबू कुमारी सिंह व अन्यान्य स्टूडेंटसों ने कहा कि बीबी कॉलेज हंिदूी शिफ्ट के स्टूडेंटसों को परीक्षा के दौरान सबसे ज्यादा फजिहत उठानी पडी.
कॉलेज प्रबंधन और विश्वविद्यालय को मामले को लेकर अवगत कराने के बाद भी स्थिति में किसी प्रकार की सुधार नहीं हुआ. कभी निर्धारित परीक्षा के दिन उस दिन के पेपर के स्थान पर दूसरे किसी विषय के पेपर आ जाते थे और उस दिन की परीक्षा रद्द करनी पडती थी. कभी दो दिन बाद के परीक्षा के प्रश्न पत्र पहले ही छपकर आ जाते थे और पेपर लिक हो जाने से संबंधित विषय की परीक्षा रद्द करनी पड़ती थी. दोनों ही स्थितियों में विश्वविद्यालय प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा बेकसूर स्टूडेंटसों को ही भुगतना पडता था.
इतना ही नहीं हाल ही में हुए इतिहास कोर पेपर एक की परीक्षा में भी प्रश्न पत्रों में असंख्य त्रुटियां पायीं गयीं. इतिहास कोर पेपर एक के प्रश्न पत्र एक के सी में हेलेनिका ग्रंथ के स्थान पर हेलेनिका छापा गया था. प्लूटार्क के स्थान पर प्लूटार्च छापा गया था. प्रश्न पत्र दो के डी में थूसिडाइडस के स्थान पर यूसिडाईडस, वार के स्थान पर बार, काटो द के स्थान पर के टो या छाप दिये जाने से परीक्षार्थियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. अंग्रेजी से हिंदी में प्रश्नों के अनुवाद में भी तकनीकी भूल उजागर हुयी है.
गृह युद्ध के स्थान पर सीविल वार छाप दिये जाने से पूरे प्रश्न का मतलब बदल जाने से उसका उत्तर जानने के बावजूद भी हिंदी शिफ्ट के स्टूडेंटस प्रश्न का उत्तर नहीं लिख पाये थे. स्टूडेंटस ने कहा कि यही स्थिति रही तो हिंदी शिफट के स्टूडेंटस विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ धरने पर बैठने पर बाध्य होंगे. केएनयू के परीक्षा नियंत्रक सलील दास ने कहा कि परीक्षा कॉपियों की जांच में किसी तरह का पक्षपात नहीं किया गया है. जांचकर्ताओं ने अपने स्तर से सही ढंग से कॉपियों की जांच कर अंक दिये हैं. जिन्होंने कॉपियों में जो उत्तर लिखा है. अंक उसी के अनुरूप दिये गये हैं.

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