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हिंदी माध्यम शिक्षा को मिला मील का पत्थर

उच्च माध्यमिक की परीक्षा में हिंदी में प्रश्न पत्र से सुधरेगा रिजल्ट शुरुआत शानदार होने पर अंत भी बेहतर होने की होती है संभावना हिंदी की रोटी खानेवालों ने ही बनाया था नकारात्मक, भ्रामक माहौल आसनसोल : तमाम जटिलताओं के बावजूद आखिरकार वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन की चेयरमैन महुआ दास ने वर्ष […]

उच्च माध्यमिक की परीक्षा में हिंदी में प्रश्न पत्र से सुधरेगा रिजल्ट

शुरुआत शानदार होने पर अंत भी बेहतर होने की होती है संभावना
हिंदी की रोटी खानेवालों ने ही बनाया था नकारात्मक, भ्रामक माहौल
आसनसोल : तमाम जटिलताओं के बावजूद आखिरकार वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन की चेयरमैन महुआ दास ने वर्ष 2018 में आयोजित होनेवाली 12वीं की वार्षिक परीक्षा में हिंदी माध्यम परीक्षार्थियों के लिए अधिक से अधिक संख्या में हिंदी में प्रश्न पत्र देने की घोषणा कर ही दी. इससे ‘प्रभात खबर’ की मुहिम को न सिर्फ सफलता मिली, बल्कि उन शक्तियों को भी गहरा झटका लगा जो हिंदी की दुकानदारी करने के बाद भी हिंदी में प्रश्न पत्र न मिलवे का दावा किया था तथा तृणमूल शासित राज्य सरकार को हिंदी विरोधी साबित करने की साजिश की थी. लगातार चले अभियान से मिली सफलता से शिक्षा जगत में खुशी है.
उच्च माध्यमिक परीक्षा में हिंदी में प्रश्न पत्र दिये जाने की आधिकारिक घोषणा से शिल्पांचल के हिंदीभाषी स्टूडेंटस में हर्षोल्लास का माहौल है. स्टूडेंट्सों के साथ-साथ उनके अभिभावकों के चेहरे पर भी संतोषजनक भाव हैं. परीक्षार्थियों ने इस घोषणा से उच्च माध्यमिक परीक्षा में बेहतर अंक लाने का दावा किया है. अभिभावकों ने सरकार के इस निर्णय और इस मामले में पहल कर इसे निर्णायक स्तर तक पहुंचाने वालों के प्रति अपना असंख्य आभार प्रकट किया है. शिल्पांचल के हिंदीभाषी उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों ने भी राज्य सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है.
तृणमूल जिलाध्यक्ष वी शिवदासन उर्फ दासू ने उच्च माध्यमिक परीक्षा में हिंदी में प्रश्न पत्र आने के निर्णय को राज्य के हिंदीभाषियों के लिए बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि इससे राज्य में रह रहे हंिदूी भाषी स्टूडेंटस को प्रश्नों को हल करने में आसानी होगी. हिंदी में प्रश्न आने का सीधा लाभ परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम में दिखने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे हिंदी भाषी स्टूडेंटस का आत्मबल बढ़ेगा और वे परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे. उन्होंने मुख्य मंत्री को इसके लिए धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि वे राज्य के सभी भाषियों के लिए समान सुविधा और अवसर देती हैं. उनके लिए सब समान है.
आसनसोल के इग्नू के एमएसडब्लू विभाग के काउंसिलर सह दुर्गापुर कानून कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ कमल कांत साव ने इसे हिंदीभाषियों के लिए बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि मातृभाषा में प्रश्न पत्र आने से हिंदी भाषी परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र समझने में आसानी होगी. जिससे परीक्षा में समय नष्ट नहीं हो सकेगा और स्टूडेंटस असमंजस की स्थिति से बच सकेंगे. उन्होंने कहा कि शिल्पांचल में यह मांग लंबे समय से चली आ रही थी. अब जाकर सरकार ने हिंदीभाषियों के मांग को मान्यता देते हुए पहल की है. उन्होंने इससे राज्य के हिंदीभाषी स्टूडेंटस के बेहतरी के लिए राज्य सरकार के स्तर से उठाया गया बड़ा कदम बताया.
आसनसोल के राजीब बर्मन ने राज्य सरकार के इस निर्णय को हंिदूीभाषियों के लिए सराहनीय कदम बताया. उन्होंने कहा कि उनके समय में यह सुविधा नहीं थी. जिससे प्रश्नों को न समझ पाने के कारण बहुत से स्टूडेंटस का परीक्षा परिणाम प्रभावित होता था.
तृणमूल के वरिष्ट नेता मदन जयसवाल ने कहा िक उच्च माध्यमिक परीक्षा में हिंदी में प्रश्न पत्र आना वास्तव में राज्य के हिंदीभाषियों के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. इससे स्टूडेंटस को परीक्षा में काफी सुविधा होगी . श्री जयसवाल ने कहा िक िहंदी में प्रश्न पत्र नहंी मिलने के कारण अिधकांश स्टूडेंटस अन्य राज्य में उच्च िशक्षा के िलये चले जाते थे . अब हिंदी भाषी स्टूडेंटस का आत्मबल बढ़ेगा और वे परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे. उन्होंने मुख्य मंत्री ममता बनर्जी को िहंदी भाषियों के िलये यह तोहफा देने के िलये धन्यवाद िदया.
कविता तुल्सयान ने उच्च माध्यमिक परीक्षा में हिंदी में प्रश्न पत्र आने के निर्णय को राज्य सरकार की सकारात्मक पहल बताया. उन्होंने कहा कि हिंदी में प्रश्न पत्र आने से हिंदीभाषी स्टूडेंटसों को बड़ा लाभ मिलेगा. इससे हंिदूी भाषी स्टूडेंटस को परीक्षा परिणाम बेहतर हो सकेंगे. अपने समय में यह सुविधा नहीं होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि अगर उस समय किसी ने इसके लिए आंदोलन किया होता तो हिंदी परिक्षार्थियों को भी लाभ मिलता.
दीपक अग्रवाल ने राज्य सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए इसे राज्य सरकार की तरफ से राज्य के हिंदी भाषियों के लिए नव वर्ष का उपहार बताया है. उन्होंने कहा कि उनके समय में हिंदी में प्रश्न पत्र न मिलने से बहुत से प्रश्नों को न समझ पाने के कारण स्टूडेंटस असमंजस की स्थिति में रहते थे. बहुत से स्टूडेंटस प्रश्नों के सठिक उत्तर जानने के बाद भी अंग्रेजी में प्रश्न न समझ पाने के कारण प्रश्नों को हल नहीं कर पाते थे. जिससे उनका परीक्षा परिणाम प्रभावित होता था. अब हिंदी में प्रश्न पत्र आने से स्टूडेंटस उन्हें आसानी से समझ पायेंगे और परीक्षा परिणाम भी बेहतर हो सकेगा.
रामबांध आदर्श विद्यालय के प्रधानाध्यापक शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि 12 वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा में हिंदी में प्रश्न पत्र ं आने से स्टूडेंट्स क ाफी खुश है. साथ ही उनके गाजिर्यन में भी उल्लास है. हिंदी में प्रश्न पत्र आने से हिंदी भाषी परीक्षार्थियों को अपनापरिणाम अधिक वेहत्तर करने मं मदद मिलेगी. . वे अच्छे नंबरो से पास हो पायेगे. जिससे हायर स्टडी में अच्छे मौके का लाभ मिलेगा.
बर्नपुर व्यॉयज हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक आरए यादव ने कहा कि हिंदी भाषियों के लिए एक बहुत ही अच्छी बात है. इससे हिंदी भाषी स्टूडेंट्स के परिणाम में काफी अंतर आयेगा. उन्होने प्रभात खबर की इस मुहिम के लिए धन्यवाद दिया. इससे हिंदी भाषी स्टूडेंट्सों का भविष्य उज्जवल होगा.

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