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पारबेलिया कोलियरी बचाओ कमेटी ने की सभा
राजनीतिक भावना से ऊपर उठ कर हो रही है इसके लिए व्यापक गोलबंदी तीन शिफ्टों में 63 अधिकारियों, श्रमिकों को खदान में जाने की मिली अनुमति सुरक्षा विभाग, सीआइएसएफ, पुलिस की मौजूदगी में अवैध खदानों की डोजरिंग नितुरिया. ईसीएल की पारबेलिया कोलियरी पर डीजीएमएस द्वारा लगायी गयी धारा 22(3)अधिनियम,1952 के कारण कोलियरी बंदी के मुहाने […]
राजनीतिक भावना से ऊपर उठ कर हो रही है इसके लिए व्यापक गोलबंदी
तीन शिफ्टों में 63 अधिकारियों, श्रमिकों को खदान में जाने की मिली अनुमति
सुरक्षा विभाग, सीआइएसएफ, पुलिस की मौजूदगी में अवैध खदानों की डोजरिंग
नितुरिया. ईसीएल की पारबेलिया कोलियरी पर डीजीएमएस द्वारा लगायी गयी धारा 22(3)अधिनियम,1952 के कारण कोलियरी बंदी के मुहाने पर खड़ी है. इसको लेकर पारबेलिया में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी है.
दलगत भावनाओं से ऊपर उठ कर कोलियरी बचाने के लिए पारबेलिया कोलियरी बचाओ कमेटी का गठन किया गया है. इसके तहत आंदोलन को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. बुधवार को कोलियरी इंक्लाइन के मुहाने पर विरोध सभा की गयी. जिसमें कोलियरी के श्रमिकों, श्रम संगठन के नेताओं, स्थानीय व्यवसायी तथा आम निवासी बड़ी संख्या में शामिल हुए. सभी वक्ताओं ने एकसुर से कोलियरी को बचाने के लिए आंदोलन करने पर सहमति जतायी.
भारतीय मजदूर संघ के वरिष्ठ नेता जयनाथ चौबे ने कहा कि दुर्गा पूजा के समय कोलियरी बंदी के लिए कदम उठाना किसी षड्यंत्न की ओर इंगित करता है.
सोदपुर एरिया के महाप्रबंधक सुजीत सरकार काट्रांसफर होना, ईसीएल मुख्यालय से तकनीकी निदेशक अजय कुमार सिंह का बीसीसीएल के सीएमडी के रूप में पदस्थापित होना एवं दुर्गा पूजा की लंबी छुट्टी महज संयोग नहीं है. अभी नये तकनीकी निदेशक ने पदभार ग्रहण किया है. उनसे काफी अपेक्षाएं है और उनसे पारबेलिया कोलियरी को बचाने में काफी सहयोग मिलेगा.
इंटक के नेता योगेशपति त्रिपाठी ने इस आंदोलन को और गति देने की वकालत की. टीयूसीसी के दामोदर सिंह ने कोयला खदान की तकनीकी समस्याओं को मिल जुल कर दूर करने का आह्वान किया. नितुरिया पंचायत समिति के अघ्यक्ष शांति भूषण प्रसाद यादव ने कहा कि पारबेलिया कोलियरी सभी के दिल की धड़कन है.
इससे ही इस क्षेत्र का विकास और खुशहाली संभव है. पारबेलिया कोलियरी को चालू रखने के लिए उन्होंने जिला प्रसासन के स्तर से हर संभव सहयोग दिलाने का आश्वासन दिया. हंसीबुल रहमान, रमाशंकर सिंह, सीके सिंह, आरके चौबे, शांत चटर्जी, बोध नारायण सिंह, नबनी चक्र बर्ती, दशरथ महतो, दीनबंधु सिंह, राधेश्याम साव, संजय यादव, हरेराम सिंह आदि ने भी संबोधित किया.
ॉइधर पारबेलिया कोलियरी अभिकर्ता एके सिंह ने कहा कि डीजीएमएस द्वारा पारबेलिया कोलियरी पर माइंस एक्ट के तहत धारा 22(3) 1952 लगायी गयी है, उसके बाद से कोलियरी में सुधार लाने के लिए प्रक्रिया चल रही है.
प्रभावित इलाकों में डोजरिंग करायी जा रही है. जल्द ही कोलियरी सामान्य स्थिति में आ जायेगी. डीजीएमएस द्वारा लगाई गयी पाबंदी के बाद बुधवार को पहली बार कोलियरी के नोटिस बोर्ड पर तीनो शिफ्ट में कुल 63 श्रमिक व अधिकारियों को अनुमोदित किया गया है. इससे खदान के अंदर को हुई गड़बड़ियों को दूर करने में सहयोग मिलेगा. यह अनुमोदन भी पिछले तीन दिनों से हो रहे आंदोलन का जीत के रूप में है.
इसीएल, सीआइएसएफ, इंस्पेक्टर ऑफ सेफ्टी व पुलिस की उपस्थिति में पारबेलिया ग्राम में डोजरिंग की जा रही है. बुधवार को एक दर्जन से अधिक अवैध खदानों के मुंहानों को बंद कर दिया गया है. पुलिस का कहना है कि पारबेलिया कोलियरी प्रबंधन की निशानदेही पर सभी अवैध कोयला खदानों को बंद कर दिया जायेगा.
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