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दो अनशनकारी गंभीर, हंगामा कंपनी का गेट किया जाम

सांकतोड़िया : ईसीएल मुख्यालय सांकतोडिया के समक्ष भूख हड़ताल कर रहे पूर्व निजी सुरक्षा गार्डों में दो और की हालत बिगड़ गयी. उन्हें सोमवार को कंपनी के सांकतोडिया अस्पताल में दाखिल कराया गया. इसकी सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में पूर्व निजी सुरक्षा गार्डो ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. मुख्यालय गेट को जाम […]

सांकतोड़िया : ईसीएल मुख्यालय सांकतोडिया के समक्ष भूख हड़ताल कर रहे पूर्व निजी सुरक्षा गार्डों में दो और की हालत बिगड़ गयी. उन्हें सोमवार को कंपनी के सांकतोडिया अस्पताल में दाखिल कराया गया.
इसकी सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में पूर्व निजी सुरक्षा गार्डो ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. मुख्यालय गेट को जाम कर धरना शुरू कर दिया. स्थिति को देखते हुए प्रवंधन ने सीआइएसएफ एवं सुरक्षा गार्डो की तैनाती कर दी. सीआइएसएफ और सुरक्षा गार्डो के साथ निजी सुरक्षा गाडरें की हाथापाई भी हो गयी. बाद में स्थिति नियंत्रित हुयी और गेट से आंदोलनकारी हटे.
सनद रहे कि कंपनी में कार्यरत 2268 निजी सुरक्षा गार्डो की अनुबंध समय सीमा 30 जून को समाप्त हो गयी. इसके कारण वीते एक जुलाई से प्रवंधन ने सभी निजी सुरक्षा कर्मियों को कार्य से हटा दिया. प्रबंधन का तर्क था कि अनुबंध नहीं होने के कारण उन्हें निजी सुरक्षा कर्मियों की जरूरत ही नहीं है. पिछले दस-12 वर्षो से कार्यरत निजी सुरक्षा गार्डो ने नये सिरे से टेंडर जारी करने तथा उन्हें नियोजित करने की मांग के समर्थन में लगातार आंदोलन शुरू किया. विभिन्न केंद्रीय यूनियनों ने भी उनकी मांग का समर्थन किया.
बाद में प्रबंधन ने निर्णय लिया कि पश्चिम बंगाल में डेढ़ हजार निजी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के लिए नये सिरे से निविदा जारी की जायेगी. लेकिन इसकी प्रक्रिया पूरी होने में विलंब हो रहा है. आंदोलनकारियों का आरोप है कि प्रबंधन साजिश के तहत इसमें विलंब कर रहा है. दबाव बढ़ाने के लिए ईसीएल आसनसोल दुर्गापुर ठेका श्रमिक अधिकार यूनियन के बैनर तले बीते 21 अगस्त से कंपनी मुख्यालय के समक्ष उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी.
भूख हड़ताल के 14वें दिन तबीयत बिबगड़ने के कारण दो अनशनकारियों को सांकतोड़िया अस्पताल में दाखिल कराया गया. सोमवार को भी दो अनशनकारी अस्पताल में दाखिल किये गये. इससे आक्रोशित आंदोलनकारियों ने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया. मुख्यालय के समक्ष आकर मुख्य गेट को जाम कर दिया. विभागीय सुरक्षा गार्डो एवं सीआइएसएफ ने गेट जाम करने से मना किया.
इसके बाद आंदोलनकारियों के साथ विवाद शुरू हो गया. दोनों पक्षों के बीच हाथापाई शुरू हो गयी. सांकतोड़िया फांडी प्रभारी संजीव कुमार दे बल के साथ पहुंचे और स्थिति नियंत्रित की. गेट से जाम हटाया गया. यूनियन की संयुक्त सचिव सुदीप्ता पाल ने कहा कि जब तक निविदा जारी नहीं होगी, अनशन जारी रहेगा.
टेंडर जारी करने पर लगातार गलत बयानी हो रही है. दुर्गापूजा के समय इस आंदोलन को विवशता में चलाया जा रहा है. प्रबंधन शीघ्र निविदा जारी करें. इसीएल सूत्रों ने कहा कि टेंडर जारी करने की निर्धारित प्रक्रिया है. इसमें समय लगता है. यदि आंदोलन कर दबाव बनाने की कोशिश होगी तो प्रक्रिया पूरी होने में और ज्यादा विलंब होगा. सभी पक्षों को इसमें सहयोग करना होगा.

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